हजारीबाग। आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग की ओर से आयोजित विश्व रंग पुस्तक यात्रा हजारीबाग, चतरा, कोडरमा व गिरीडीह शहरों के साथ साथ कस्बों, गांवों से गुजरते हुए स्थानीय लोगों से पुस्तक संस्कृति से जुड़ने का आह्वान करेगी। दरअसल रविंद्र नाथ टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र तथा वनमाली सृजन पीठ की पहल पर शुरूआत की गई विश्वरंग पुस्तक यात्रा आगामी 22 सितंबर को मटवारी स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के सिटी कैंपस से सुबह 8:30 बजे पुस्तक यात्रा की शुरुआत होगी, जिसके बाद पुस्तक यात्रा की रैली निकाली जाएगी, जो शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से गुजरते हुए वापस विश्वविद्यालय कैंपस में आकर समाप्त होगी। आगामी 30 सितंबर को स्थानीय नगर भवन में समापन समारोह आयोजित कर पुस्तक यात्रा का समापन किया जाएगा। उक्त बातें आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने तरबा-खरबा स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मीडियाकर्मियों से कही। उन्होंने कहा कि दरअसल यह विराट गतिविधि आजादी के अमृत महोत्सव एवं पुस्तक संस्कृति को समर्पित है तथा इसी दृष्टिकोण के साथ स्थानीय पाठकों व लेखकों को जोड़ने की उत्सवी पहल भी की जाएगी। इस रचनात्मक अभियान में सैकड़ों स्थानीय कला साहित्य संस्कृति के सहयोगी संस्थाओं का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। बृहद स्तर पर संयोजित हो रही इस विश्व पुस्तक यात्रा के परिप्रेक्ष्य में 9वीं से 12वीं तक के स्कूली और महाविद्यालय स्तर पर अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए स्वरचित कविता पाठ, कहानी पाठ तथा चित्रकला प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। विजेता प्रतिभागियों को 30 सितंबर को समारोह में आमंत्रित कर पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं कार्यक्रम समन्वयक विक्रांत भट्ट ने कहा कि पुस्तक यात्रा के दौरान दानदाताओं से पुस्तक संग्रहण का कार्य भी किया जाएगा और संग्रहित पुस्तकें जरूरतमंद शिक्षण संस्थानों को भेंट की जाएगी। यात्रा वाहन में उपलब्ध पुस्तकें विक्रय के लिए भी उपलब्ध रहेगी, जिन्हें पुस्तक प्रेमी विशेष रियायत दर पर खरीद सकेंगे। उन्होंने बताया कि विश्व रंग पुस्तक यात्राओं को लोक व्यापी बनाने के लिए कई बहुआयामी कार्यक्रम भी होंगे। इस दौरान ज्ञान विज्ञान तथा अन्य उपयोगी साहित्यिक किताबों, पोस्टरों आदि से सुसज्जित एक वाहन होगा, जो पुस्तक प्रेमियों के साथ रैली की शक्ल में विभिन्न गांवों, कस्बों से गुजरता निर्धारित स्थानों पर ठहरेगा। चयनित स्कूलों में इस विश्व पुस्तक यात्रा के तारतम्य में छात्र-छात्राएं, शिक्षकों तथा आमंत्रित लेखकों के बीच पुस्तकों की गौरवशाली परंपरा और आंचलिक सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित कार्यक्रम होंगे। स्थानीय और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि लेखकों का रचना पाठ तथा विद्यार्थियों के बीच प्रश्नोत्तरी के रोचक आयोजन भी होंगे। बताते चलें कि पुस्तक यात्रा 22 सितंबर को हजारीबाग से प्रारंभ होकर झुमरा, विष्णुगढ़, बड़कागांव, इचाक, बरही, कटकमसांडी चतरा, गिरिडीह, राजधनवार भंडारों समेत अन्य जगहों का भ्रमण करते हुए 30 सितंबर को वापस हजारीबाग लौटेगी, जहां नगर भवन में समापन समारोह आयोजित कर विश्वरंग पुस्तक यात्रा का समापन किया जाएगा।
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