इचाक प्रखंड के फुफन्दी ग्राम में आत्मा हजारीबाग अन्तर्गत कृषक पाठशाला का आयोजन किया गया। जिसमे श्री विधी से धान की रोपनी के बारे में किसानों को बताया गया। जिसका शुभारंभ प्रखंड की BDO उषा मिंज के द्वारा कि गयी। इचाक बीडीओ उषा मिंज भी इस कार्यक्रम में खेत मे उतरकर धान रोपनी करते दिखी । प्रखंड तकनीकी प्रबंधक सुभाष कुमार द्वारा किसानों को बताया गया कि इस उन्नत प्रणाली से खेती करने पर किसानों को 2.5 गुना अधिक मुनाफा परंपरागत विधी की तुलना में मिलती है। सहायक तकनीकि प्रबंधक अमित मोहन बतातें है कि इस विधी से धान के 8 से 10 दिनों के बिचड़े को किसानों द्वारा खेतों मे पौधों से पौधों की दूरी 10 cm और कतार से कतार की दूरी 20 cm रखकर लगाया जाता है। इस विधी मे खरपतवार नियंत्रण के लिए कोनोविडर का प्रयोग पौधा लगाने के 12 दिन के अन्तराल पर तीन बार किया जाता है। जिससे पौधों की स्वस्थ और उन्नत बढबार प्राप्त होती है । आत्मा द्वारा कृषक पाठशाला का आयोजन का मुख्य उद्देश्य उन्नत/वैज्ञानिक विधी से खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है ताकि अन्य किसान कृषक पाठशाला की वैज्ञानिक विधी से खेती और इससे होने वाले अधिक उपज को देखकर अन्नत तकनीक अपना सके और अपनी आय दुगनी कर सकें।
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