हजारीबाग :- उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आत्मा शासकीय निकाय की बैठक संपन्न हुई। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में कृषि, पशुपालन, मत्स्य, बागवानी, सहित उन्नत व आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने हेतु समेकित प्रयासों के माध्यम से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाकर कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कृषि के विविध आयामों को बढ़ावा देने के लिए कृषि, पशुपालन, बागवानी आदि को आधुनिक स्वरूप देने की आवश्यकता है। खासकर लॉकडाउन अवधि में जिला में आए प्रवासी मज़दूरों और कुशल श्रमिकों को इससे जोड़ने की आवश्यकता है। कृषि से संबंधित सभी विभागों में बेहतर समन्वय सहित क्षेत्रीय फील्ड अफसरों, गैर सरकारी संस्थाओं, कृषक मित्रों, स्वयंसेवकों को सक्रिय हो कर परिणाम के लिए सार्थक प्रयास करना होगा। प्रखंड व जिला स्तरीय अधिकारी समन्वय बनाकर लगातार कृषि एवं किसानों से संबंधित संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग करते रहें। उपायुक्त ने कहा कृषकों को आत्मनिर्भर व उनके रोजगार देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। बेहतर परिणाम के लिए प्रगतिशील व मेहनती कृषकों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार की योजना के लिए यूनिट का आवंटन करने की आवश्यकता है। ताकि प्रशिक्षित किसान अपने हुनर का उपयोग उत्पादन व व्यवसाय को बढ़ाने में कर सकें। आधुनिक कृषि सहित व्यवसायिक व नगदी फसल जैसे मशरूम उत्पादन को प्रमोट करने की आवश्यकता पर बल* देते हुए कहा जिला के सखी मंडलों को प्रशिक्षण देकर मशरूम के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने के लिए पूर्व से तैयार मिल्क लाइन के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में खासकर सुधा मिल्क कियोस्क अर्थात आउटलेट में मशरूम की बिक्री हेतु समन्वय स्थापित करने का निर्देश जिला गव्य विकास पदाधिकारी को दिया। उन्होंने कहा मशरूम उत्पादन का आंकड़ा संग्रहित करें। बाजार तथा उसकी गुणवत्ता प्रभावित ना हो इसके लिए जिला प्रशासन प्रोसेसिंग यूनिट रखरखाव आदि में मदद करेगा। बाजार की व्यवस्था एवं उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता समिति के माध्यम से मार्केटिंग का कार्य एवं बाहर बाहर के बाजारों में भेजने का कार्य कराया जाएगा। आधुनिक तकनीकों कृषि व्यवसाय से कृषकों को अवगत कराकर उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा विभिन्न अवसर पर आयोजित कृषक मेला, कृषक संगोष्ठी, कृषक पाठशाला, एक्स्पोज़र विजिट अर्थात परिभ्रमण आदि कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा इस तरह के आयोजन का प्रतिफल मिले इसके लिए चयनित कृषकों को मानक संस्थानों के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों आदि के माध्यम से प्रशिक्षण कराएं। प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित कृषकों को प्रमाण पत्र दे देने भर से काम नहीं होगा। प्रत्येक प्रशिक्षण हेतु चयनित कृषक की रूचि व क्षमता के हिसाब से ट्रेनिंग की व्यवस्था कराएं। उनके हुनर का सही जगह इस्तेमाल हो इसके लिए उसे केसीसी ऋण, बीज खाद आदि जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएं। इस दौरान जिला के कुछ प्रगतिशील किसानों अधिकारियों के द्वारा कृषि उत्पादन व गुणवत्ता संवर्धन के लिए प्रस्ताव भी दिए गए जिसमें खरपतवार नियंत्रण दलहन खेती को बढ़ावा देने कृषि संयंत्र की जानकारी बागवानी हेतु ग्राफ्टिंग हेतु कृषकों को प्रशिक्षित करने आदि की आवश्यकता की जानकारी देते हुए प्रशिक्षण की व्यवस्था कराने का प्रस्ताव दिया गया। बैठक में उपायुक्त के अलावा संयुक्त कृषि निदेशक ब्रजेश्वर दूबे, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी आत्मा, उप परियोजना निदेशक, सीनियर वैज्ञानिक गौरीयाकरमा, डॉ आर के सिंह कृषि विज्ञान केंद्र, कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी, भूमि संरक्षण सर्वे पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड, अग्रणी बैंक प्रबंधक हजारीबाग, जिला गव्य विकास पदाधिकारी हजारीबाग सहित प्रगतिशील कृषक के रूप में मीनू महतो, कुलेश्वर महतो आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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