इचाक। सरकार एक ओर हर गली-मुहल्ले को पक्की सड़को से जोड़ रही है लोगों के सहूलियत को देखते हुए हर दरवाजे तक सड़क बनवा रही है मगर प्रखंड का एक ऐसा सड़क जो अपनी पहचान खो कर गढ्ढो में तब्दील हो गयी है। हम बात कर रहे है इचाक थाना से नगवां भाया साड़म- चंदवारा पथ की जो कई वर्षों से अपनी बदहाली पर खून के आंसू बहाने को मजबूर है। इस सड़क पर इतने गढ्ढे है कि आने-जाने वाले को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है यह पथ हदारी, बरियठ और बोंगा पंचायत के आधा दर्जन से अधिक गांव के आवागमन का एक मात्र साधन है। भुसाई, साड़म, टेपसा, पारटांड, चंदवारा, धरमु आदि गांव के लोगों का आना जाना इस सड़क से होता है,लगभग पांच किलोमीटर सड़क का निर्माण सात से आठ साल पूर्व हुआ था। लेकिन उसके बाद इस ओर न विभाग ने ध्यान दिया न ही जनप्रतिनिधियों ने जबकि एनएच 33 स्थित सिवाने पुल टूट जाने के बाद इसी सड़क को महीनों तक लाइफ लाइन के रूप में इस्तेमाल किया गया था।बरियठ मुखिया संतोष मेहता ने बताया कि इस सड़क के निर्माण को लेकर आलाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक मिल ज्ञापन सौंप चुके है। मगर अभी तक स्थिति जस की तस है। हदारी मुखिया राधा देवी ने कहा कि इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। बरसात में तो स्थिति और भी दयनीय हो जाती है। दीपक सिंह
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