हजारीबाग:- कहा जाता है कि जब मन की जज़्बात को हकीकत में बदलने का जुनून हो तो हर बाधाओं को पार पाने की क्षमता भी विकसित हो जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाई हजारीबाग की बेटी सिमरन ने। 7वीं से 10वीं जेपीएससी के परिणाम में सिमरन को 135 रैंक हासिल हुआ है। दरअसल बीते 2014 में स्थानीय होटल कैनरी इन में लगे कैरियर फेयर में सिमरन ने अपनी प्रतिभा के बलबूते प्रथम पुरस्कार जीतने में सफलता हासिल की थी। उस वक्त जब सिमरन के ख्वाब पूछे गए तो वह अपने ख्वाब तो बताई लेकिन उसके हकीकत में तब्दील की गुंजाइश की संभावना घरेलू आर्थिक तंगी की वजह से उसे कम दिख रहा था। मौके पर मौजूद चाणक्य आइएएस एकेडमी की जेनरल मैनेजर रीमा मिश्रा भी सिमरन की बात सुनी और बिना देर किए मौके पर घोषणा कर दी कि सिमरन को चाणक्य आइएएस एकेडमी नि: शुल्क यूपीएससी की तैयारी कराएगा और इस बेटी को इसके मुकाम तक पहुंचाने का भागीदार बनेगा। नतीजतन रीमा मिश्रा के इस घोषणा ने सिमरन के आज की ज़िंदगी को बदलकर रख दी। आज उसी चाणक्य आइएएस एकेडमी में नि: शुल्क तैयारी कर सिमरन जेपीएससी की परीक्षा परिणाम में 135 रैंक हासिल कर सभी को गौरवान्वित किया है। बताते चलें कि चाणक्य आइएएस एकेडमी की जेनरल मैनेजर रीमा मिश्रा शुरुआत के दिनों से ही शैक्षणिक कार्यों में अहम भागीदारी निभाए जाने के साथ साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती रही हैं। नारी सशक्तिकरण के लिए भी समाज में श्रमति मिश्रा के योगदान को काफी सराहा जाता है। महिलाओं के उत्थान के लिए श्रीमति मिश्रा ने महिलाओं को जागरूक करने में अहम भूमिका तो निभाई ही, साथ ही हर क्षेत्र में उनकी मदद के लिए हमेशा खड़ी नज़र आईं। बातचीत के क्रम में श्रीमति मिश्रा ने बताया कि हमारी कोशिश हमेशा से रही है कि आर्थिक मजबूरी की वजह से विद्यार्थी चाहे वह छात्र हो ता छात्रा किसी का सपना टूट न जाए। इसलिए उन सपनों को साकार करने की मदद जहां तक संभव हो पाता है, चाणक्य आइएएस एकेडमी की ओर से की जाती है। जेपीएससी के इस परिणाम में चाणक्य आइएएस एकेडमी के छात्र व छात्राएं बेहतर प्रदर्शन किया है। यह ज़रूर है कि बेटियों ने मान बढ़ाया है। फर्स्ट टॉपर अंकिता राय, सेकेंड टॉपर सुमन गुप्ता, वेदवन्ति, यशोधरा, अमिता लकड़ा, जूही रानी, मिताली सहित ऐसी कई बेटियां हैं, जिन्होंने संस्थान से तैयारी कर सफलता हासिल की और आज देश का नाम रोशन कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में मैं पिछले एक दशक से कार्य कर रही हूं और अब उसके सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए और भी कई काम किए जाने बाकी हैं, जिसे आने वाले समय में किया जाएगा। उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहे अन्य महिलाओं की भी तारीफ की और सक्षम महिलाओं को इस ओर आकर समाज में बेहतर योगदान करने की अपील की।
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