नाबार्ड, कृषि विभाग द्वारा एफ़पीओ क्लस्टर की पहचान के लिए बैठक

हज़ारीबाग कृषि अवसंरचना कोष की सुविधाओं पर जानकारी दी गयी कटकमदाग से टमाटर, टाटीझरिया से मड़ुआ, और बिष्णुगढ़ से मत्स्यपालन क्लस्टर को एफ़पीओ गठन के लिए योग्य माना गया। किसानों का आय बढ़ाने वाली ऐसी फसल/ गतिविधि/ उत्पाद को चुनने के लिए विभागों और अन्य हितधारकों के बीच और आगे होगा विचार विमर्श। कृषि मंत्रालय,भारत सरकार की योजना– सीएसएस-एफ़पीओ (किसान उत्पादन संगठन पर केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम) की जिला अनुश्रवण समिति के निर्देश के आलोक में सभी सम्बद्ध विभागों और विभिन्न प्रखंडों से किसान, एनजीओ और नाबार्ड द्वारा गठित एफ़पीओ आदि की बैठक बाजार समिति के सभागार में आयोजित की गयी। इस बैठक में सभी हितधारकों के सुझाओ के आधार पर तीन प्रखंडों से तीन अलग-अलग कृषि/ सम्बद्ध उत्पादों के क्लस्टरों की पहचान संभावित/सक्षम एफ़पीओ के दृष्टिकोण से की गयी। इनमे कटकमदाग से टमाटर, टाटीझरिया से मड़ुआ, और बिष्णुगढ़ से मत्स्यपालन क्लस्टर को एफ़पीओ गठन के लिए योग्य माना गया है। इन तीन क्लस्टरों को औपचारिक स्वीकृति के लिए योजना के अंतर्गत गठित उपायुक्त के नेतृत्व वाली जिला अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही केंद्र प्रायोजित योजना-एग्री इन्फ्रा फंड के विषय में भी जानकारी दी गयी। इस योजना के तहत टमाटर और बाँस प्रोसेसिंग के साथ किसानों को जोड़कर लाभकारी उद्यम की स्थापना के लिए कुछ सक्षम कंपनियों और उद्यमियों के साथ विचार विमर्श भी किया गया। इस योजना के अंतर्गत ऋण गारंटी और सीमित ब्याज 8-8.50% पर ऋण दिया जाएगा। ये एक टॉप-अप स्कीम है जिसके अंतर्गत दूसरे स्कीम के लाभ को भी संयोजित किया जा सकता है। सही तरीके से ऋण चुकाने पर 3% की ब्याज सबसिडी भी दी जाएगी। बैठक का संचालन सचिव बाज़ार समिति ने किया।इस बैठक में विशेष अतिथि के रूप में आए डीडीएम नाबार्ड रामगढ़ ने योजना के प्रावधानों पर अपनी विशिष्ट प्रस्तुति दी। मौके पर डीएओ, डीडीएम नाबार्ड, सचिव बाज़ार समिति, डीएचओ, डीसीओ प्रतिनिधि, जिला मत्स्य पदा,पीडी आत्मा आदि उपस्थित थे।

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