पंचायत चुनाव में 107 का नोटिस भेजने पर विधायक मनीष जायसवाल ने सवाल उठाए

हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने अपने कार्यालय सभागार में प्रेस- वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हजारीबाग जिले में एक नई परंपरा की शुरुआत की गई है जिसमें जिला प्रशासन द्वारा संबंधित थाना क्षेत्र के प्रतिवेदन के आलोक में हजारीबाग के विभिन्न थाना क्षेत्र में रहने वाले लोगों को तादाद में 107 का नोटिस भेजने का कारवाई किया गया है जो लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि अमूमन 107 का नोटिस दंगा,- फसाद, लड़ाई- झगड़ा अपराधिक कृत्य और असामाजिक कृत्य को रोकने के लिए समय-समय पर वैसे लोगों को भेजा जाता है जिनका पूर्व से अपराधिक या असामाजिक गतिविधियों में संलिप्तता रही हो लेकिन हजारीबाग में पहली बार ऐसा देखा गया जब किसी चुनाव के वक्त प्रशासन द्वारा 107 का नोटिस भेजने की कार्रवाई की गई वो भी ऐसे लोगों पर जिनका पूर्व से ना तो कोई केस चल रहा है और ना ही चुनाव से संबंधित कोई प्रोसिडिंग चल रहा है. इसमें कुछ बुजुर्ग और कुछ महिलाओं का भी नाम शामिल है। क्षेत्र के ऐसे निर्दोष लोगों के नाम प्रशासन द्वारा 107 का नोटिस भेजा जाना लोकतंत्र का मजाक है और मैं इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध करता हूं। विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि मेरे पास कई मामले आए और जब मैं नोटिस देखा तो मुझे ऐसा प्रतीत हुआ किया पूरी तरह गलत कार्रवाई है और वोटरों के बीच दहशत फैलाया जा रहा है। इस संबंध में जब मैंने रिपोर्ट करने वाले संबंधित थाना अधिकारी से यह जानने का प्रयास किया कि 107 की कार्यवाही हेतु उनका चयन का आधार क्या है तो मुझे संतुष्ट जनक जवाब नहीं मिला। अगर थाना अधिकारियों के द्वारा किसी प्रकार का सर्वे किया गया है तो किन से पूछा गया है और इसकी सूची बनाने की प्रक्रिया का प्रासंगिकता क्या है और कानूनी पक्ष जनता के समक्ष अवश्य रखना चाहिए अन्यथा निर्दोष लोगों पर की गई यह कार्रवाई वोटरों को भय में लाकर चुनाव को प्रभावित करने का कुत्सित प्रयास मात्र है। विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि मैं इस कार्रवाई का विरोध हजारीबाग पुलिस अधीक्षक से भी मिलकर करूंगा।

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