मास्क के जरिये झारखंड में शोहराई कोहबर को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं : माटीमय

कोरोना जैसे महामारी बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हज़ारीबाग के कुछ युवाओं द्वारा माटीमय जैसी पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य, झारखंड की प्राचीन कला सोहराय तथा कोहबर को मास्क में पेंटिंग के जरिये लोगो के सामने लाना है। माटीमय के फाउंडर तथा युवा फिल्मकार अनिरुद्ध उपाध्याय ने बताया कि 2016 में सोहराय व कोहबर पर फिल्म बनाने के दौरान इस कला से लगाव हुआ और इसे अपने हिस्से का योगदान समझते हुए लोगो तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं जिससे कि महिलाओं को रोजगार मिल सके वा अन्य लोगो भी कोरोना काल में रोजगार दे सके साथ ही साथ मास्क की जरूरत को भी भरपूर मात्रा में लोगो के बीच पहुचा सके।इस महत्वपूर्ण पहल में माटिमय के सदस्य अंजलि मिश्रा, अनामिका उपाध्याय, प्रभा सिंह, नवीन उपाध्याय, अमन उपाध्याय, सेजल सिंह तथा अन्य लोग मिलकर दिन के 8-10 घंटे पेटिंग कर 100-150 मास्क बना रहे है। अनिरुद्ध ने बताया कि सूती के कपड़े पर पेटिंग कर उसकी तीन लेयर में सिलाई की जा रही है उसके बाद उसे सुरक्षित तरीके से पैकिंग कर के लोगो तक पहुंचाया जा रहा है। इस मास्क की कुल कीमत 50/- रुपए है जोकी माटीमय के इंस्टाग्राम तथा फेसबुक पेज से खरीदा जा है कुछ दिनों में इसे अमेज़न वअन्य डिजिटल मार्केटिंग साइट्स के साथ साथ बाजार के अन्य दुकानों पर भी उपलब्ध कारवाई जायेगी। इस पहल को काफी सारे गणमान्य लोगों का भी समर्थन है। जहा एक तरफ हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा भी इसे अपने फेसबुक तथा टि्वटर के माध्यम से लोगो तक पहुंचा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्ममेकर राम डाल्टन भी इस पहल के साथ है, इसके साथ साथ दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए गए सत्यकाम आनद भी इस पहल की काफ़ी सराह रहे हैं ।

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