राज्यपाल 24 जुलाई को राज्य के सभी कुलपतियों के साथ करेंगी बैठक

तय हो सकती है प्रतिमाह 50 हजार रुपए की पारिश्रमिक हज़ारीबाग़। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों को कोरोना कोविड-19 में उनके क्लास नहीं होने और घंटी नहीं बजने से उनके पारिश्रमिक पर संकट आ गया है। पिछले कई महीनों से उन्हें पारिश्रमिक नहीं मिल पाया है। अभी उन्हें प्रति घंटी 600 रुपये और अधिकतम 36 हज़ार रुपये प्रतिमाह राशि का भुगतान होता रहा है। कोरोना काल के इस वक़्त में विश्वविद्यालय और कॉलेज बन्द रहने के कारण इन सहायक प्राध्यापकों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने इन्ही सब मुद्दों के साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ 24 जुलाई को दिन के 11 बजे बैठक करेंगी। बैठक संभवतः ऑनलाइन होगी। संभवतः jpsc के विज्ञापन:03/2020 में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की नियुक्ति में एस सी और दिव्यांगजनो को आरक्षण नहीं दिए जाने पर सवाल जवाब होंगे। विज्ञापन संख्या:04/2018 एवं विज्ञापन 05/2018 में अस्थि, मूक बधिर और अन्य दिव्यांगजनों को आरक्षण नहीं दिए जाने पर आयोग, सरकार और कुलपति से जवाब मांगे जाने की भरपूर संभावना है। रिट संख्या: 3999/2019 जिसमे झारखण्ड उच्च न्यायालय ने भी सरकार,आयोग और विश्वविद्यालयों से जवाब मांगे हैं। जमशेदपुर वोमेन्स कॉलेज में कुलपति, रजिस्ट्रार एवं अन्य पदाधिकारियों की पद स्वीकृति एवं नियुक्ति के संबंध में विचार किया जाएगा। कोरोना काल मे यूजीसी के अनुरूप ऑनलाइन क्लास, परीक्षा सहित अकादमिक कैलेंडर, चांसलर पोर्टल के माध्यम से कॉलेज एवं स्नातकोत्तर विभागों में नामांकन, विश्वविद्यालय में महालेखाकार ऑडिट रिपोर्ट का अनुपालन, सेवानिवृत्त प्राध्यापकों के पेंशन एवं अन्य देय लाभ,विश्वविद्यालय में में अधिकारियों की नियुक्ति विज्ञापन संख्या:03/2020 एवं सहायक प्राध्यापक विज्ञापन संख्या: 04/2018 एवं 05/2018 के अधतन स्थितियों पर गंभीर चर्चा की जायेगी एवं महत्वपूर्ण सुझाव सरकार के आला अधिकारियों, कुलपतियों, एवं jpsc के अधिकारियों को दिए जायेंगे। उम्मीद है कि घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों को 50 हज़ार प्रति माह पारिश्रमिक तय किये जा सकते हैं।

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