राष्ट्रपति ट्रंप ने Coronavirus पीड़ितों के लिए रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल को दी मंजूरी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अमेरिका में गिलियड (Gilead) की रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा को कोरोना (Coronavirus) के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने इसकी घोषणा ह्वाइट हाउस में गिलियड के CEO डेनियल ओडे और खाद्य और औषधि प्रशासन के कमिश्नर स्टेफन हॉन की मौजूदगी में की. खाद्य और औषधि प्रशासन ने बयान जारी करके कहा है कि गिलियड साइंस की यह दवा खासतौर पर उन मरीजों की दी जाएगी जो गंभीर बीमारी के शिकार हैं, जैसे कि जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और उन्हें अलग ऑक्सीजन दिया जा रहा हो या फिर वो वेंटिलेटर पर हों. ‘रेमडेसिविर दवा का मरीजों पर सकारात्मक असर’ अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्‍टर एंथनी फाउसी ने कहा, “आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्‍पष्‍ट, प्रभावी और सकारात्‍मक प्रभाव पड़ रहा है.” उन्‍होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्‍थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है. इस ट्रायल के दौरान यह पता चला कि ‘रेमडेसिविर दवा इस वायरस को रोक सकती है.’ इबोला के ट्रायल में फेल हुई थी रेमडेसिविर बता दें कि इससे पहले रेमडेसिविर दवा इबोला के ट्रायल के दौरान फेल हो गई थी. यही नहीं WHO ने भी अपने एक सीमित अध्‍ययन के बाद कहा था कि वुहान में इस दवा का मरीजों पर सीमित असर पड़ा था. वुहान में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था. यह दवा लिक्विड के रूप में आती है, जिसे नसों के जरिए मरीज के शरीर में पहुंचाया जाता है. ऐसे में इससे इलाज के लिए मरीज को लगातार कई दिन (विशेषज्ञों के मुताबिक10 दिन तक) हॉस्पिटल या क्लिनिक जाना पड़ सकता है/वहां रहना पड़ सकता है. भारत में इस दवा का इस्तेमाल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अप्रूवल पर भी निर्भर करता है. ICMR ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह कोविड-19 के मरीजों के इलाज में रेमडेसिवीर दवा के उपयोग करने पर विचार करेगी अगर घरेलू कंपनियां इस दवा का उत्पादन करें.

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