आलेख-पी.विजय राघवन कोरोना संक्रमण को लेकर आज जब पूरे देश में लॉकडाउन है,होना भी चाहिए.लेकिन इसी लॉकडाउन का जो देश हित के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है का कुछ लोग नाजायज लाभ उठा रहे हैं। जरूरत की चीजों का मनमानी दाम वसूल रहे।इन लोगों के लिए महामारी भी मुनाफाखोरी का माध्यम मात्र बन कर रह गया है। इसमे कोई दो राय नहीं की किसी प्रकार का लत हानिकारक है। खास कर नशीली पदार्थों का सेवन! इसी लत का सबसे ज्यादा फायदा उठाते हैं काला बाजारी करने वाले। ऐसा नहीं है की लॉकडाउन है तो सब घर मे ही दुबक कर बैठ गए हैं। अलबत्ता ये लोग अपनी लत की खातिर इन कलबाजारी करने वालों को ज्यादा प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसका भरपूर फायदा उठाया जा रहा। माल आसानी से उपलब्द हो रहा चोर दरवाजे से! 1 का 4 वसूला जा रहा! ऐसे मे यह सवाल उठना लाज़मी है की आखिर इन वस्तुओं पर पाबंधी से क्या मकसद हल हो रहा?जैसे जैसे लॉकडाउन की अवधि बदेगी ये वस्तु और दुर्लभ होंगे और नतिजन और ज्यादा कालाबाजारी। इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है! कोरोना संक्रमण को लेकर आज जब पूरे देश में लॉकडाउन है. जरूरत के सामानों को छोड़कर मॉल और शराब की दुकानें तक सब बंद हैं. ऐसे माहौल में शराब, सिगरेट या गांजा आदि की लत पाल चुके लोगों के सामने बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. डॉक्टर मानते हैं कि अचानक से शराब छोड़ पाना आसान नहीं है. ऐसे में शरीर में विदड्राल सिम्पटम्स (छोड़ने के दौरान आने वाले लक्षण)आना आम है. नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर(NDDTC) एम्स, के प्रो डॉ अतुल आंबेकर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान क्या करें शराब और सिगरेट आदि नशे के लती लोग. डॉ आंबेकर कहते हैं कि देश भर के मनोचिकित्सकों से ये जानकारी मिल रही है कि ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिन्हें शराब नहीं मिल पाने से विदड्रॉल सिम्पटम्स(Withdrawl Symptoms) आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अचानक शराब न मिलने से ये समस्या आना स्वाभाविक है. मनोचिकित्सक का कहना है कि बिना किसी मेडिकल सपोर्ट के अचानक शराब न मिलने से आने वाले विदड्रॉल सिमप्टम्स खतरनाक स्तर पर भी जा सकते हैं. ऐसे लोगों को दवाओं की सख्त जरूरत पड़ती है. डॉक्टर की मेडिकेशन न मिलने से लोगों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है. सरकार ने लॉकडाउन जब पूरा देश लॉकडाउन किया है तो ऐसे समय में स्थितियां बहुत चुनौतीपूर्ण बन गई हैं. डॉ आंबेकर कहते हैं कि सरकार को ये सुनिश्चियत करना चाहिए जो लोग डेली शराब के आदी है, उन्हें शराब न मिलने पर पूरा मेडिकल सपोर्ट जरूर मिलना चाहिए. उनके लिए डॉक्टर और विदड्रॉल सिमप्टम्स कवर करने के लिए दवाईयां उपलब्ध होनी चाहिए. डॉ आंबेकर ने बताया कि सिर्फ शराब ही नहीं निकोटिन छोड़ने पर कई विदड्राल के लक्षण जैसे घबराना, बेचैनी, सिर दर्द, थकान, उदासी, सुस्ती, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण आएंगे. ये लक्षण पानी, विटामिन सी आदि लेकर दो तीन दिन में कंट्रोल किया जा सकता है. जब ये लक्षण ज्यादा हों तो मनोचिकित्सक से मिलें. लेकिन इसके लक्षणों से घबराने की जरूरत नहीं है. जो लोग अल्कोहल लेने के आदी हैं और उन्हें शराब नहीं मिल रही है, तो उनमें विदड्राल के लक्षण जरूर आएंगे. ऐसे में लोगों को ये ध्यान रखना चाहिए कि अगर सिर्फ क्रैविंग यानी तलब है तो अपना ध्यान किसी और काम में लगाने की कोशिश करें. लेकिन जब ये लक्षण शारीरिक हों तो तत्काल किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें. शराब छूटने पर ये लक्षण ज्यादा हों तो तत्काल डॉक्टर से मिलें। विदड्रॉल सिमप्टम्स के लक्षण हांथ कांपना, जी घबराना, सांस फूलने लगना, चक्कर उल्टिियां आना, इंसोमेनिया यानी नींद में कमी और हैलुसिनेशन (मिथ्याभास या वहम) (With inputs from AAJ TAK)
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