विश्व आदिवासी दिवस पर तरंग ग्रुप ने किया “सोहबर” का शुभारंभ

हजारीबाग की प्रमुख सामाजिक सह सांस्कृतिक संस्था तरंग ग्रुप द्वारा झारखंड के प्रसिद्ध सोहराय एवं कोहबर कला को आधुनिक फैशन परिधान के माध्यम से नया आयाम देने के लिए “सोहबर” नाम से परिधानों की एक नई श्रृंखला का शुभारंभ किया गया। संस्था के निर्देशक अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से संस्था द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि केवल कैनवस या दीवारों पर ही पेंटिंग नहीं बल्कि विभिन्न तरीकों से भी हम अपनी इस अदभुत कला को दुनिया के सामने पेश कर सकते हैं। इसका पहला प्रयास द्वारा 2015 में आयोजित किया गया था जब संस्था के द्वारा डिजाइन वस्त्रों का प्रदर्शन स्थानीय नगर भवन ,हजारीबाग मे जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम रंग दो मेरे शहर को, के माध्यम से किया गया था जहाँ उस समय पदास्थापित उपायुक्त मुकेश कुमार ने बहुत प्रशंसा कि एवं 2016 मे आयोजित कोनार महोत्सव मे इस कला से बने परिधानों का प्रदर्शन हुआ था। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए संस्था ने सोहराय एवं कोहबर कला को वस्त्रों में उकेर कर इस कला से बने वस्त्रों की नयी श्रृंखला “सोहबर परिधान” का शुभारंभ किया। इस परिधानों में ना केवल आपको सोहराय बल्कि कोहबर कला की भी झलक देखने को मिलेगी। संस्था का प्रयास है कि विभिन्न डिजिटल माध्यमो से हम अपनी कला एवं संस्कृति को हर क्षेत्र में प्रदर्शित करें जिससे लोग हमारी कला, सभ्यता एवं संस्कृति से भी रूबरू हो । हमारा यह प्रयास है कि अगर झारखंड सरकार हमें मदद करें तो इस कला से बनी वस्तुओं का उत्पादन और भी बढ़ाया जा सकता है फिलहाल केवल आर्डर मिलने पर इस तरह के वस्त्रों का निर्माण कर ग्रहको तक पहुंचाया जाता है। संस्था के द्वारा इसके अलावा आदिवासी बच्चों के मानसिक ,शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के लिए भी समय समय पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों सह कार्याशाला का आयोजन नि:शुल्क किया जाता रहा है जिससे उनको भी समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।

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