सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला:अब फीमेल कैंडिडेट्स भी दे सकेंगी NDA परीक्षा

नेशनल डिफेंस अकादमी में जाने का सपना देखने वाली लड़कियों के लिए अब दरवाजे खुलने की संभावना बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लड़कियों को नेशनल डिफेंस अकादमी की की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेना की अनुमति दे दी है। अब लड़कियां NDA और NA की परीक्षा में बैठ सकेंगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिला अभ्यर्थियों को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि दाखिले पर अंतिम फैसला बाद में लिया जाएगा। अब तक लड़कियों को एनडीए की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। कोर्ट ने लड़कियों को 28 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की परीक्षा में भी शामिल होने की अनुमति दी। सुनवाई के दौरान सेना ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय है, जिस पर जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने कहा कि यह नीतिगत निर्णय “लिंग भेदभाव” पर आधारित है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि 5 सितंबर को होने वाली एनडीए की परीक्षा में महिलाओं को शामिल होने दिया जाए। याचिकाकर्ता ने दी थी ये दलील याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि 10+2 स्तर की शिक्षा रखने वाली पात्र महिला अभ्यर्थियों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा देने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है. जो मौलिक नियमों के खिलाफ है. वहीं, समान रूप से 10+2 स्तर की शिक्षा वाले पुरुष अभ्यर्थियों को परीक्षा देने और अर्हता प्राप्त करने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशंड अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के लिए प्रशिक्षित होने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने का अवसर मिलता है. यह सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता के मौलिक अधिकार और लिंग के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा के मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है.

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