हजारीबाग के वीर सपूत आर्मी के नायक संदीप कुमार पाल को नम आंखों से हजारीबाग वासियों ने दी भावभीनी विदाई

हज़ारीबाग :- शुक्रवार को लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में एक भीषण सड़क हादसे में भारतीय सेना के 7 जवान शहीद हो गए। इस भीषण सड़क हादसे में हजारीबाग के लाल इंडियन आर्मी के नायक पद में पदस्थापित संदीप कुमार पाल का भी आकस्मिक निधन हो गया। सेना के जवान संदीप कुमार पाल हजारीबाग शहर के खीरगांव स्थित गड़ेरी मोहल्ला के निवासी थे। उनका उम्र महज 32 वर्ष था और अविवाहित थे। संदीप के पिता का नाम जयनंदन कुमार पाल है। इनके बड़े भाई प्रिंटिंग दुकान में कार्य करते हैं और बहनों की शादी हो गई है। संदीप की मां पिछले कोरोना काल वर्ष 2020 में काल के गाल समां गई थी । जवान संदीप के परिजनों को शुक्रवार की शाम को दूरभाष के माध्यम से इस घटना की जानकारी दी गई। जिसके बाद परिजनों का रो- रो कर बुरा हाल हो गया। रविवार की दोपहर को संदीप का पार्थिव शरीर हजारीबाग पंहुचा तो उनके अंतिम दर्शन को पूरा हजारीबाग से जन सैलाब उमड़ पड़ा। शव पहुंचने से करीब डेढ़ घंटे पूर्व हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल इनके खिरगांव स्थित घर पंहुचे और इनके पिता जयनंदन पाल सहित अन्य परिजनों से मिलकर उनका ढांढस बंधाया एवं हिम्मत बढ़ाया। विधायक मनीष जायसवाल डेढ़ घंटे तक शव के आने का उनके घर पर ही परिजनों और स्थानीय लोगों के साथ इंतजार करते रहें। शव के यहां पहुंचते ही हर आंखें नम हो गई। संदीप के परिजन और मोहल्लेवासी विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों के बीच कोहराम सा मच गया। महिलाएं फफक- फफक कर रोने लगी और उनके क्रंदन से पूरा वातावरण गमगीन हो गया। संदीप की एक झलक पाने को यहां उमड़ा जनसैलाब आतुर दिखा और लोगों ने हजारीबाग के लाल संदीप कुमार पाल अमर रहे, भारतीय सेना जिंदाबाद, जय हिंद, भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा संदीप तेरा नाम रहेगा किनारों से पूरे वातावरण को गुंजायमान कर दिया। भीड़ में शामिल युवा से लेकर बुजुर्गों के अधिकतर हाथों में तिरंगा था और युवा पीढ़ी के बालक – बालिकाएं अपने मोबाइल कैमरे से इसे कैद कर रहे थे। घर पंहुचने से पूर्व ही इनके पार्थिव शरीर के सम्मान में हजारीबाग के लोग बड़ी संख्या में कोनार पूल चौक पर सुबह से ही जुटने लगे थे। सभी अपने हाथों में तिरंगा लहराते हुए इन के सम्मान में नारे लगा रहे थे। आर्मी का गाड़ी जैसे ही कोनार पुलचौक पहुंचा यहां उमड़ा हुजूम दौड़ पड़ा और कोनार पूल के आगे अस्वथित पेट्रोल पंप के समीप से हजारों की संख्या में उमड़े जनसैलाब ने डीजे में देशभक्ति गीत बजाते और तिरंगा झंडा लहराते हुए सैकड़ों बाइको से सवार होकर सम्मान देते हुए खूब नारे- जयकारे लगाने के साथ उनके खिरगांव स्थित पैतृक घर तक ससम्मन पंहुचाया। संदीप के शव के सम्मान में हजारीबाग वासियों ने राष्ट्र और सेना के प्रति जो अद्भुत प्रेम दिखाया वह अतुलनीय है । इधर सेना के अधिकारियों ने जैसे ही संदीप कुमार पाल के शव को उनके घर पर श्रद्धांजलि के लिए उतारा उनके घर के अपने परिजन फूट-फूट कर रोने लगे और अपने लाल के एक झलक को बेताब दिखे। यहां पूर्व से पहुंचे हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल और बरही के पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव समेत अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर भावभीनी विदाई दी। शव का अंतिम संस्कार भारतीय सेना आर्मी के अधिकारियों और जवानों के सम्मान के साथ खिरगांव स्थित मुक्तिधाम में अंत्येष्टि की जानी है। इनके अंतिम यात्रा में हजारीबाग के हजारों लोग जाने को ललाहित दिखे । यहां पहुंचे हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि देश सेवा में संदीप कुमार पाल ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपना सर्वस्व निछावर कर वीर गति को प्राप्त किया है। ऐसे वीर सपूत को जन्म देने वाले माता- पिता को मेरा प्रणाम और राष्ट्र सेवा में रहते हुए वीर गति को प्राप्त करने वाले संदीप कुमार पाल को मेरा सैल्यूट। उन्होंने कहा हजारीबाग के लाल संदीप कुमार पाल हमेशा हमारे बीच याद बनकर अमर रहेंगे । हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने लद्दाख सड़क हादसे में शहीद हुए हजारीबाग के लाल संदीप कुमार पाल के राष्ट्रीयता के प्रति अटूट प्रेम और उनके वीरगति को प्राप्त करने के उपरांत सूचना मिलने पर जहां गहरा दुख प्रकट किया वहीं उनके सम्मान में अपना फेसबुक प्रोफाइल पिक भी चेंज करते हुए संदीप कुमार पाल का फोटो लगाते हुए उनके भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की । संदीप कुमार पाल ने वर्ष 2013 में इंडियन आर्मी जॉइन किया था। ये अंत्यंत निर्धन परिवार से आते थे और शुरुआती दिनों में ये अपने पिता के साथ कचरी बर्रा का दुकान चलाते हुए अपना पठन-पाठन जारी रखे थे। इनके बड़े भाई प्रिंटिंग प्रेस में कार्य करते हैं। काफी संघर्ष के बाद देश सेवा के जज्बे के बदौलत संदीप में इंडियन आर्मी में बहाली पाई थी। उनके आर्मी में ज्वाइन करने के बाद भी वे जब भी छुट्टी पर घर आते थे अपने मित्रों और परिचितों के अलावा आसपास के लोगों से बड़े ही आत्मीयता के साथ मिलते थे। उनके पार्थिव शरीर पहुंचने के क्रम में उनके घर पर उमड़े भीड़ में लोग इस बात की चर्चा आम रूप से करते हुए पाए गए। संदीप के आर्मी जॉइन करने के बाद परिवार की माली हालत में सुधार हुई थी। पिछले 06 कहीं पूर्व ही संदीप ने आर्मी में नायक का पद पाया था। लेकिन पहले इनकी मां और फिर महज 32 साल की उम्र में ही नव वर्ष तक देश सेवा करने के बाद संदीप ने दुनिया को अलविदा कह दिया और सभी को रुलाकर परलौक सिधार गए ।

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