हजारीबाग समेत झारखंड के विद्यार्थियों को कोटा से जल्द घर वापसी कराएं, नहीं तो होगा अन्याय : जयंत सिन्हा

सांसद ने लिखा सीएम हेमंत सोरेन को पत्र …लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी से की फोन पर बात हजारीबाग। राजस्थान के कोटा शहर में लॉकडाउन के कारण झारखंड और हजारीबाग अपने संसदीय क्षेत्र के फसे बच्चों को वापस लाने के लिए सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति जयंत सिन्हा ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है वे ठोस कदम उठाएं। सांसद जयंत सिन्हा ने पत्र में लिखा कि क्षेत्र के सैकड़ों बच्चे, जिनमें से ज़्यादातर कि आयु 16 से 23 वर्ष है, उनकी कोरोना महामारी के कारण कक्षाएं रद्द हो गयी हैं और हॉस्टल / लॉज प्रबंधन / मकान मालिक कोरोना न फैल जाए इसके डर से सभी बच्चों को अपने-अपने घर वापस जाने के लिये विवश कर रहे हैं। हॉस्टलों के रसोई घर व टिफ़िन वितरण करने वाली सेवाएं भी बंद हैं जिससे यह खाने-पीने में भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इन छोटे बच्चों को इस कठिन परिस्तिथि में सहारे की अत्यंत आवश्यकता है। इनके माता-पिता भी बहुत दर्द में और चिंतित है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुज़रात, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, असम व कई राज्यों की सरकारें अपने प्रदेश के बच्चों को कोटा से वापस ले आयी हैं या लाने की प्रक्रिया में हैं। यह परम आवश्यक है कि झारखंड सरकार भी इस दिशा में पहल कर बच्चों को वापस लाये। राजस्थान सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो भी राज्य बच्चों को कोटा से निकालने के लिये आग्रह कर रहे हैं उन्हें अनुमति दी जा रही है। ऐसे में पहल न करना हमारे राज्य के माता-पिताओं के साथ अन्याय होगा। जयंत सिन्हा ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र के कोटा में पढ़ रहे 100 बच्चों ने मदद की गुहार लगाई है और प्रतिदिन यह संख्या बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि कृपया बच्चों को वापस घर लाने के लिये यथाशीघ्र योजना बनाएं। साथ ही इस विषय पर सांसद जयंत सिन्हा ने लोकसभा अध्यक्ष व कोटा से सांसद ओम बिरला से फोन पर बात कर और पत्र लिखकर सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आपसे विनम्र आग्रह होगा कि इन बच्चों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए स्थानीय प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश देने की कृपा करें। ओम बिरला ने बच्चों के विशेष ध्यान रखे जाने का आश्वासन दिया है। जयंत सिन्हा ने कहा कि हम निरंतर राज्य सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे।

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