लोहरदगा : लोहरदगा में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में नगर भवन में एक जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी और उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत द्वारा दीप जलाकर किया गया। कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि रीना कुमारी ने महिलाओं की मेहनत और संघर्ष की अहमियत पर प्रकाश डाला।रीना कुमारी का संबोधन: जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी ने कहा कि आज महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से किसी भी मंजिल को हासिल कर सकती हैं। उन्होंने माताओं से अपील की कि वे लड़कों और लड़कियों के बीच कोई भेदभाव न करें और दोनों को समान अवसर दें। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया और आंगनबाड़ी सेविकाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। इन नियुक्तियों से आंगनबाड़ी सेविकाओं की जिम्मेदारी और बढ़ गई है, क्योंकि वे बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उत्कृष्ट छात्राओं को सम्मान: इस मौके पर, जिले के आठ छात्रों को जिन्होंने मैट्रिक परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था, उन्हें टैबलेट प्रदान किए गए। ये टैबलेट छात्राओं को उनके अध्ययन में मदद करेंगे, खासकर आईआईटी, नीट, और अन्य प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारी में।
उप विकास आयुक्त का संबोधन: उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि आज की लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं हैं। उन्होंने विशेष रूप से लोहरदगा जिले की महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों की सराहना की, जिनके लिए स्वयं सहायता समूह एक महत्वपूर्ण कदम है। शेखावत ने यह भी बताया कि लोहरदगा जिला एक जनजातीय बहुल क्षेत्र है और यहां पीवीटीजी समूह के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया गया है। इसके साथ ही, चार नए एकलव्य विद्यालयों की शुरुआत की गई और खेलकूद में भी सुविधाओं का विस्तार किया गया है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्य
कन्या भ्रूण हत्या को रोकना: जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, स्कूल में छात्राओं की ड्रॉप आउट दर को कम करना, बाल विवाह को रोकना, और महिलाओं के लिए समान कार्य अवसर उत्पन्न करना है। इस दिशा में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
एनिमेशन फिल्म और नुक्कड़ नाटक: महिला और बाल विकास विभाग द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित एनिमेशन फिल्म मुस्कान का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा, लोकनाथ लोहार कला जत्था की टीम ने नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया, जिसमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की महत्ता और महिलाओं के अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई।
लड़कियों के अधिकारों पर जागरूकता: इस कार्यक्रम में किशोरियों को उनके चार प्रमुख अधिकारों – जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार और सहभागिता का अधिकार – के बारे में बताया गया। इसके अलावा, गुडटच-बैड टच, जेंडर समानता, यौन उत्पीड़न और बालकों से संबंधित कानूनी जानकारी भी प्रदान की गई।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए विशेष कद
आंगनबाड़ी सेविकाओं की नियुक्ति: कार्यक्रम में नव चयनित 15 आंगनबाड़ी सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। इन सेविकाओं की जिम्मेदारी न केवल बच्चों की देखभाल और शिक्षा है, बल्कि वे लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों के लिए भी जागरूकता फैलाने का काम करेंगी।
बाल विवाह को रोकने के लिए शपथ: कार्यक्रम में बाल विवाह को रोकने, बेटियों की पढ़ाई और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शपथ भी दिलाई गई। यह शपथ सभी उपस्थित बच्चों, आंगनबाड़ी वर्करों और समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने ली।
भविष्य में और भी कदम
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” ने लोहरदगा जिले में एक नई दिशा दिखाई है, जहां लड़कियों की शिक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर समाज के सभी हिस्से एकजुट होकर काम करें तो लड़कियां और महिलाएं किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।
आगे चलकर इस योजना के तहत और भी कदम उठाए जाएंगे ताकि लड़कियों को एक सुरक्षित और समान अवसरों वाला वातावरण मिल सके। शिक्षा, स्वास्थ्य, और खेलकूद जैसे क्षेत्रों में सुधार को निरंतर जारी रखने की योजना है, जिससे भविष्य में और अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” ने लोहरदगा में एक नया इतिहास रचा है और यह कार्यक्रम इसका प्रमाण है कि जब सरकार, समाज और परिवार एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। इस योजना के तहत किए गए प्रयासों से निश्चित रूप से लड़कियों के अधिकारों की रक्षा होगी और उनके उज्जवल भविष्य की नींव रखी जाएगी।