परवाज’ में दिखाई अपनी प्रतिभा, प्रदर्श से बनाई अलग पहचान
बहुआयामी प्रदर्शनी से प्रदर्शित किया अपना विजन और ज्ञान
बेहतर भविष्य के लिए मानवीय क्षमता को अनलॉक करना” विषय पर आधारित थी प्रदर्शनी
‘हजारीबाग। 21 नवंबर की सुबह, गुलाबी ठंड, आसमान में छाए हल्के बादल और उसके बीच से छन-छन कर आ रही धूप की मध्यम तपिश। खुला मैदान और हजारों नौनिहालों की कोलाहल। यह कोलाहल हजारीबाग शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार संत जेवियर स्कूल के विशाल ओपेन फादर केविन ग्रोगन स्टेडियम में लगे बहुआयामी प्रर्दशनी के लिए था। यहां सीनियर क्लास के बच्चों ने विभिन्न विधाओं में अपनी कल्पनाओं की उड़ान भरी। इसमें उनके विजन और गहरी सोच की झलक परिलक्षित थी। वहीं अंदर इंडिगो हाॅल में जूनियर क्लास के नन्हे बच्चों की हस्तकला प्रतिभा एक अलग पहचान दे रही थी।
प्राचार्य ने डीइओ को किया सम्मानित, चीफ गेस्ट ने जलाया दीप
उद्घाटन के लिए हजारीबाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रवीण रंजन को आमंत्रित किया गया था। आयोजन का आरंभ मुख्य अतिथि प्रवीण रंजन, विद्यालय के प्राचार्य फादर रोसनर खलखो एस. जे., वाइस प्रिंसिपल डॉ देवव्रत मित्रा, डॉ फ़ादर रंजीत मरांडी एस जे तथा सिस्टर सुनीता के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने प्रार्थना गान किया। उप प्रधानाचार्य डॉक्टर देवव्रत मित्रा ने बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डीइओ प्रवीण रंजन से परिचय करवाया और गुलदस्ता प्रदान कर उनका स्वागत किया। प्रधानाचार्य फादर रोसनर खलखो एस जे ने अपने भाषण से उन्हें धन्यवाद दिया और मोमेंटो प्रदान कर उन्हें सम्मान दिया।
वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ हमें पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए : प्रवीण रंजन
मुख्य अतिथि डीइओ प्रवीण रंजन ने अपने भाषण से बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज विज्ञान तकनीक से जुड़ गया है। अतः वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ हमें पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए। भौतिक विज्ञान के प्रति अपने अनुभव को व्यक्त कर अपनी देशभक्ति के प्रति भी अपने विचार प्रकट किए। तत्पश्चात विद्यालय एंथम संपन्न हुआ। उसके बाद मुख्य अतिथि ने फीता काट कर और बैलून उड़ा कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
यह प्रदर्शनी “बेहतर भविष्य के लिए मानवीय क्षमता को अनलॉक करना” विषय पर आधारित थी। इस उद्घाटन समारोह में ‘वर्ल्ड वाइज न्यूज’ के वरिष्ठ संपादक डाॅ अमरनाथ पाठक भी शामिल थे।
134 माॅडल बता रहे थे बच्चों के भावी और गहरी सोच
प्रदर्शनी में दर्शाए गए सभी मॉडल जैव निम्नीकरणीय सामग्रियों से बने थे और इनमें प्लास्टिक या थर्मोकोल का कोई उपयोग नहीं किया गया था। इसमें विभिन्न विषयों विज्ञान, मानविकी, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान, गणित, भाषा और सूचना प्रौद्योगिकी के 134 मॉडल थे। विज्ञान के क्षेत्र में पीईटी स्केन जिससे कैंसर के रोगी का पता चल सकता है और उपचार हो सकता है, ऑटोमेटिक फायर एक्सेप्टिंग रोबोट जिससे रोबोट के कू माध्यम से ही अग्निशामक यंत्र का काम जैसे नमूने प्रस्तुत किए गए। अंग्रेजी के प्रतिरूप में शब्द भंडार (विलोम और श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्दों) पर आधारित खेल का नमूना अत्यधिक आकर्षक था। गणित के क्षेत्र में गोल्डेन रेशियो, वर्किंग मॉडल ऑफ स्लॉट मशीन के विविध उपयोग जैसे नमूने प्रस्तुत किए गए। मानविकी के क्षेत्र में हजारीबाग का इतिहास, झारखंड का इतिहास, बेटी करे सवाल, इंटरनेशनल रिलेशनशिप, एक्सप्लोरिंग द अनएक्सप्लॉरड ब्यूटी औफ हजारीबाग जैसे आकर्षक प्रतिरूप प्रस्तुत किए गए। कठपुतली पर आधारित मॉडल सब के आकर्षण का केंद्र रहा। कम्प्यूटर में होलोग्राम डिस्प्ले के कार्य सिद्धांत को प्रदर्शित करने वाले होलोग्राम मॉडल जैसे और सामाजिक विज्ञान में फैशन फ्रॉम स्क्रैप जिसमें केला और जलकुंभी का रेशा खींचकर कपड़े का निर्माण किया जा सकता है जैसे नमूने प्रदर्शित किए गए। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने आकर्षक हस्तकला प्रस्तुत किए।यह आरंभ से अंत तक दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। प्रदर्शनी में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा निर्मित हस्तकलाओं को जिसे प्राथमिक विद्यालय की हेड सिस्टर और सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की मदद से सजाया गया था, अत्यधिक आकर्षक था। कक्षा 8 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपने- अपने नमूने प्रस्तुत किये।
सभी ने निभाई अपनी जिम्मेवारी
इस प्रदर्शनी के निर्णायक मंडली में विद्यालय के ही योग्य शिक्षकों को शामिल किया गया था। इस कार्यक्रम में अविभावकों की भीड़ बनी रही तथा दूसरे विद्यालय के बच्चे भी प्रदर्शनी का आनन्द उठाने के लिए आए। समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने छात्रों की रचनात्मकता की खूब सराहना की। इस वृहत आयोजन में अनुशासन का पूर्ण ध्यान रखा गया था । कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के प्राचार्य फ़ादर रोसनर खलखो एस. जे. का भरपूर योगदान रहा। आयोजन के आरंभ से अंत तक उनकी रुचि और उनका प्रोत्साहन बच्चों को मिलता रहा। उप प्रधानाचार्य देवव्रत मित्रा के संरक्षण में सुष्मिता प्रिया तथा अमर सिंह को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक संपन्न किया। विद्यालय के सभी शिक्षक – शिक्षिकाओं तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को अलग-अलग कार्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया था, सभी ने अपनी- अपनी अहम भूमिका निभाकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
इसरो में कार्यरत वैज्ञानिकों ने संत जेवियर्स की प्रदर्शनी को दिया अपनी कामयाबी का श्रेय
इसरो में कार्यरत गौरव जायसवाल तथा शीर्ष कुमार ने अपनी कामयाबी का श्रेय विद्यालय में संपन्न होने वाले विज्ञान प्रदर्शनी को दिया है। उनका मानना है कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों का उत्साहवर्धन करते हैं तथा बच्चों में छुपी प्रतिभा को भी उजागर करते हैं। शाम लगभग चार बजे कार्यक्रम की समाप्ति हुई।