रांची, झारखण्ड:-झारखंड सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में राज्यहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें सड़क निर्माण, म्यूटेशन, सेवा बर्खास्तगी, न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन, महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी से लेकर नयी योजनाओं तक का विस्तृत खाका सामने आया।
सड़क निर्माण को मिली रफ्तार
- सिल्ली-बंता-हजाम टीकर-रंगामाटी पथ (MDR-25) की 39 किलोमीटर लंबाई में राइडिंग क्वालिटी सुधार हेतु ₹32.70 करोड़ की स्वीकृति दी गई।
- कुम्हरिया मोड़ से संग्रामपुर तक की 6.33 किलोमीटर सड़क के पुनर्निर्माण हेतु ₹38.89 करोड़ का बजट स्वीकृत।
- साहेबगंज के करमाटांड से जुराल तक की 12.70 किमी सड़क के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण हेतु ₹121.74 करोड़ की मंजूरी।
कार्मिक और सेवाएं
- डॉ. अभिनीति सिद्धार्थ (नया भुसूर पीएचसी) और डॉ. स्नेहा सिंह (नाला, जामताड़ा पीएचसी) को सेवा से बर्खास्त किया गया।
- डॉ. अरविन्द कुमार लाल, पूर्व सिविल सर्जन, जमशेदपुर के बर्खास्तगी आदेश को कोर्ट के आदेश पर रद्द किया गया।
- कुमुदिनी टुडू, पूर्व अंचल अधिकारी के विरुद्ध दो वेतनवृद्धि पर रोक यथावत रखी गई।
न्यायालयीय आदेशों का अनुपालन
- झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 2017 में नियुक्त खान निरीक्षकों को एक बारगी सेवा पुष्टि व वेतनवृद्धि में परीक्षा से छूट दी गई।
- उमेश पासवान व राम बिनय शर्मा की सेवाओं को 1994 से नियमित करने की स्वीकृति।
- मेनका महान्ती वाद में भगत चरण महान्ती को ACP/MACP का लाभ अनुमोदित।
आर्थिक और कल्याणकारी फैसले
- महंगाई भत्ते/राहत में वृद्धि: 5वें, 6ठें वेतनमान के सरकारी कर्मियों और पेंशनधारियों को लाभ।
- पूर्व मंत्री स्व. जगरनाथ महतो के चिकित्सा व्यय ₹44.83 लाख की प्रतिपूर्ति।
- न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा की एयर एम्बुलेंस चिकित्सा पर ₹5.75 लाख व्यय की मंजूरी।
- शिव कुमार प्रसाद (सेवानिवृत्त पुलिस उप निरीक्षक) को ₹10.20 लाख की चिकित्सा प्रतिपूर्ति।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत एकीकृत पेंशन स्कीम को स्वीकृति।
- राज्य के सभी थानों में नए दो व चार पहिया वाहन खरीद की मंजूरी।
- शराब दुकानों के संचालन हेतु मानव बल की अस्थायी व्यवस्था पर सहमति।
- District Courts में इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन नियमावली 2025 हेतु राज्यपाल की स्वीकृति।
- षष्ठम विधानसभा का मानसून सत्र 1 से 7 अगस्त तक आयोजित होगा।
कैबिनेट बैठक के ये फैसले राज्य की अधोसंरचना, प्रशासनिक पारदर्शिता और जनकल्याण योजनाओं को मजबूती देने की दिशा में एक और कदम माने जा रहे हैं।
