नैंसी सहाय हजारीबाग जिले में रिकार्ड 4 रामनवमी जुलूस सफलतापूर्वक संपन्न करवाने वाली पहली उपायुक्त बन गयीं हैं। इसके पहले 3 बार तक ही कोई उपायुक्त रहते हुए रामनवमी के जुलूस को सम्पन्न करा सके थे। तीसरे मंगला में खड़मंगल के बाद इस रामनवमी को ठीक से सम्पन्न करवाना सबसे बड़ी चुनौती थी, देशभर के मीडिया की नजर इस पर थी। ‘कुछ मिल जाये’ इस चक्कर मे कुछ बाहरी मीडियाकर्मी महूदी को भी उकटने के फेर में थे लेकिन फिर वही की ‘होइहें वही जे राम रची राखा’।
जिले के एसपी अरविंद सिंह जी की खराब किस्मत ही कही जाएगी कि उनके यहां कमान संभालते ही कई ऐसी घटनाएं हुई जिसका कोई सम्बन्ध इनके क्षमता पर नही था लेकिन उसका ठीकरा इनके ही सर फुट गया, इस कारण इस बार की रामनवमी को सफलता पूर्वक सम्पन्न करवाना इनके लिए थोड़ी राहत की बात जरूर है। इसबार उनके कुछ डीएसपी और एक वही अपने हवाई फायर करने वाले बहुत कारगर रहे, मंगला में हुआ वो फायर पर्दे के पीछे के बहुत सारी योजनाओ के लिए मिसफायर साबित हुआ।
शायद उपायुक्त नैंसी सहाय के 3 बार के अनुभव का ही असर था कि इस बार प्रशासनिक अमला महासमिति और अन्य संगठनों के कथित रहमोकरम से पहली बार बहुत ऊपर रहा और जुलूस को लगभग मुक्त छोड़ दिया कि जैसे आना है आइये, जम कर नाचिए। कोई बंधन नहीं कोई भारी भरकम ठेलपो नहीं। बस कुछ पुराने और हजारीबाग प्रशासनिक सेवा(इनके रामनवमी से सच्चे आत्मीय लगाव के कारण इन्हें झारखण्ड प्रशासनिक सेवा की जगह हजारीबाग प्रशासनिक सेवा का माना गया है☺️) के कर्मठ पदाधिकारी संतोष सिंह हर बार की तरह इस बार भी दिल से लगे थे।

प्रशासनिक पदाधिकारियों की नई टीम जो ज़िले में अभी है उनमें एसडीओ,एनडीसी,डीपीओ,ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी और डीपीआरओ ने प्रभावित किया है पर्दे के पीछे और बीच जुलूस दोनो में इनकी भूमिका दिखी।

लगे हाथ एक बड़ी खबर आप सबको दे दूं कि हजारीबाग की रामनवमी को राजकीय उत्सव के रूप में दर्जा देने से संबंधित फाइल भी उपायुक्त नैंसी सहाय ने ऊपर भेज दिया है और इसपर अनुमोदन की प्रक्रिया भी सरकार के स्तर पर शुरू हो चुकी है। झारखण्ड सरकार हो सकता है इसी घोषणा आने वाले समय मे करे।
इस बार की रामनवमी अश्लील गाने नही बजाए जाने, सर्वाधिक देर तक चलने वाले, महिलाओं समेत सर्वाधिक देर तक भीड़ और महिला सशक्तिकरण और कुशल महिला नेतृत्व के रूप में देखा जा सकेगा।