शहरवासियों को दो दिनों से पानी नहीं देना न सिर्फ अमानवीय, बल्कि आपराधिक कृत्य

सीटू का नगर निगम पर कटाक्ष : मकर संक्रांति के पहले शहरवासियों को शानदार तोहफा, दो दिनों से जलापूर्ति ठप

हजारीबाग। हजारीबाग नगर निगम की एक बड़ी आबादी छडवा डैम से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से सप्लाई किए जाने वाले पीने के पानी पर निर्भर है।12और13 जनवरी को पानी का सप्लाई नहीं किया गया। इस संबंध में सीपीएम जिला सचिव गणेश कुमार सीटू, जिला कमिटि सदस्य ईश्वर महतो, तपेश्वर राम भुईयां और सुरेश कुमार दास ने संयुक्त रूप से उपायुक्त हजारीबाग को पत्र लिखकर बताया है कि 1954 में शहर की आबादी को देखते हुए छड़वा डैम का निर्माण करवाया गया था. ताकि इस डैम से शहरवासियों को पीने का स्वच्छ पानी दिया जा सके। इसके लिए छड़वा डैम के पास ही फिल्टर प्लांट लगाया गया था, जो अभी भी चल रहा है। लेकिन दु:खद बात यह है कि 70 वर्षोंं बाद भी इस छड़वा डैम से शहरवासियों को पीने के पानी का सप्लाई हो रहा है, जबकि जनसंख्या इन 70 वर्षों में कई गुना बढ़ गई है। साथ ही इन 70 वर्षों में छड़वा डैम में पानी रखने की क्षमता लगातार घटती जा रही है।

शहरवासियों को दो दिनों से पानी नहीं देना यह न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि यह एक आपराधिक कृत्य भी है। नगर निगम सारे टैक्सों के अलावा पानी का अलग से टैक्स ले रहा है, तो समय पर स्वच्छ एवं पीने लायक पानी सप्लाई करवाने की जिम्मेदारी भी नगर निगम की है। पानी सप्लाई का जिम्मा जब से ठेकेदारी हाथ में दिया गया है, तब से समय पर पानी न देना, बिना फिल्टर किए पानी देना आम बात हो गई है। सीटू ने शहर वासियों के हित में उपायुक्त, हजारीबाग से मांग की है कि इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए पानी की सप्लाई को तत्काल चालू की मांग की गारंटी नगर निगम करे, अन्यथा पार्टी जिला कमेटी बाध्य होकर आंदोलन करेगी। पत्र की प्रतिलिपि कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, हजारीबाग और आयुक्त, नगर निगम, हजारीबाग को दी गई है।

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