जिला प्रशासन हाय हाय, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के लगे नारे

दो दिनों में आरोपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी, तो होगा आंदोलन : मेहता

अनिता कुमारी मौत प्रकरण में पूर्व सांसद ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम

नया समाहरणालय के गेट पर मृतका के मायकेवालों ने दिया धरना

हजारीबाग। अनिता कुमारी मौत प्रकरण के मामले में मृतका के मायकेवालों ने 13 जनवरी को नया समाहरणालय गेट के सामने महाधारना दिया। यहां जिला प्रशासन हाय हाय, पुलिस प्रशासन हाय हाय, हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करो, अनिता कुमारी अमर रहे, उन्हें न्याय दो…जैसे नारे बुलंद हुए। धरने का मुख्य बिंदु था कि 26 दिसंबर 2024 की सुबह पूर्व एसडीओ हजारीबाग अशोक कुमार ने अपनी पत्नी यानी राजू कुमार गुप्ता की बहन अनिता कुमारी को तारपीन तेल छिड़ककर जिंदा जला दिया। साथ ही अशोक कुमार के माता-पिता, भाई एवं उसकी पत्नी ने साजिश के तहत प्लानिंग करके प्रताड़ित कर मार दिया। अनिता के भाई ने सभी आरोपियों पर हजारीबाग के लोगसिंघना थाना मैं लिखित आवेदन देकर केस दर्ज कराया, जिसकी कांड संख्या 235/24 दर्ज है।

मामले में पुलिस अधीक्षक हजारीबाग अरविंद कुमार सिंह की ओर से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया। इसमें कुछ पदाधिकारियों को रखा गया। घटना के छह दिन बाद प्रशासन एसडीओ आवास खोलता है और जांच करता है – मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने सवाल उठाया कि क्या छह दिन के अंदर पूर्व एसडीओ अशोक कुमार ने कोई सबूत छोड़ होगा।

जब मेरी बहन जली तो पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की ओर से डिस्ट्रिक बोर्ड स्थित आरोग्यम अस्पताल हजारीबाग में भर्ती कराया गया। उस समय अशोक कुमार ने मुझे कोई जानकारी नहीं दी, जबकि मैं हजारीबाग के लोगसिंहना थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवपुरी में रहता हूं और ना ही अस्पताल प्रबंधक या किसी कर्मी ने नजदीकी पुलिस थाने को सूचना दी। चूंकि उस वक्त हमारी बहन बोल रही थी और बयान भी दे सकती थी। लेकिन आनन-फानन में बोकारो बिजनेस अस्पताल रेफर करवा लिया गया और रास्ते में जाने के क्रम में पूर्व एसडीओ अशोक कुमार के भाई ने चार घंटे बाद मुझे फोन करके बोला कि अनीता जल गई है। तरह-तरह का बयान अशोक कुमार और उनके पिता की ओर से दिया जा रहा है।

बच्चों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष बयान करवाया गया। बयान वही करवाया गया जो अशोक कुमार ने सीडब्ल्यूसी को फोन पर बोला था। चूंकि वह सदर अनुमंडल पदाधिकारी थे और उनकी बातें सभी पदाधिकारी मानते थे। बच्चों का बयान मेरे समक्ष या मेरे किसी परिवार के समक्ष नहीं लिया गया।

अनीता कुमारी के मामले में एसआईटी का गठन हुआ, लेकिन न्याय नहीं मिल पाया, न ही गिरफ्तारी हो सकी। मैंने जब-जब पदाधिकारी से पूछा 2 दिन 3 दिन का हवाला दिया जाता है, जबकि आम नागरिक या कोई गरीब जनता होती, तो एक घंटा भी नहीं लगता पुलिस को जेल भेजने में। लेकिन मुझे यह बताया गया कि अशोक कुमार पदाधिकारी हैं, जब तक हम आदेश नहीं ले लेंगे ऊपर से, तब तक उनको गिरफ्तार नहीं कर सकते। मेरे द्वारा उनके परिजनों का जो इस साजिश में पूरी तरह शामिल हैं, उनका जगह-स्थान सब बताया लेकिन प्रशासन ने अनदेखी कर दी। अगर अशोक कुमार पदाधिकारी हैं, तो उसमें साजिशकर्ता का जिन चार लोगों का मेरे द्वारा नाम दिया गया है, उनको क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया।

हमारी यह भी मांग है कि इस मामले में अविलंब गिरफ्तारी हो, नहीं तो सीबीआई जांच हो, मैं इस एसआईटी से पूरी तरह असंतुष्ट हूं। अब हमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अशोक कुमार अपने पावर और पैसे का उपयोग करते हुए सभी जगह मेरे ऊपर भारी पड़ रहे हैं।

सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजकिशोर प्रसाद को इस पूरे मामले से संबंधित विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया है।
महाधरना में सदर विधायक प्रदीप प्रसाद, बरही विधायक मनोज यादव, पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, समाजसेवी अभिषेक अभि, समाजसेवी व हाई कोर्ट की अधिवक्ता वर्षा श्रीवास्तव, विधानसभा प्रतिनिधि मनीष ठाकुर, वीरेंद्र कुमार वीरू, बटेश्वर प्रसाद मेहता, सुनील साहू, प्रकाश कुशवाहा, किशोर कुमार राणा, नंदलाल साहू, जय उत्तम कुमार, समाजसेवी प्रभात प्रधान, गौतम कुमार, ऋषिका लाल, स्नेहलता साक्षी, राणा नारायण साव, संतोष रविदास, सोनू इराकी, अरविंद ओझा, कमल किशोर, दीपक गुप्ता, सत्येंद्र दांगी, योगेश्वर साहू, मनोहरलाल, विकास कुमार, सूबेदार बासुदेव साहू,अजीत सिंह समेत सैकड़ों महिला-पुरुष शामिल हुए। महाधरना में पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने प्रशासन को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो दिनों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे जन आंदोलन होगा।

सदर विधायक ने परिवार को हर संभव मदद का दिया आश्वासन

हज़ारीबाग के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की गिरफ्तारी को लेकर समाजसेवी संगठनों, पूर्व सैनिकों और उनके ससुराल वालों ने नए समहरणालय के गेट के पास एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर हज़ारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद भी परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की धर्मपत्नी अनिता कुमारी के भाई राजू कुमार से बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रदीप प्रसाद ने यह भी सुनिश्चित किया कि अनिता कुमारी और उनके परिवार को उचित न्याय दिलाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

विधायक ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी संपर्क साधा और इस गंभीर मामले को जल्द सुलझाने की मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी ओर से इस मामले को पूरी गंभीरता से देखा जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जाएगा।

धरने के दौरान विभिन्न समाजसेवी संगठन और पूर्व सैनिकों ने भी आवाज उठाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सभी ने एक स्वर में कहा कि इस मुद्दे का जल्दी समाधान होना चाहिए, ताकि न्याय मिल सके।

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