अनुमोदन के लिए प्रस्ताव ही भेजे जाते थे आधे-अधूरे, राजभवन पर मढ़ दिया जाता था दोष

अब न भेदभाव, न छिपाव-दुराव, न समन्वय का अभाव विश्वविद्यालय में दूर होगा दुर्भाव, पहल इस बात की कि रहे…