सब्जी विक्रेताओं का हाल-बेहाल, नहीं आ रहे खरीदार

चैंबर के पदाधिकारियों ने लिया सब्जी बाजार का जायजा

सरकार तक बात को ले जाने का दिया आश्वासन

हजारीबाग। इन दिनों जिले के सब्जी उत्पादक किसान खून के आंसू बहा रहे हैं, क्योंकि हरी सब्जियां फूलगोभी, टमाटर, बंधा गोभी, मूली आदि के बाजार में खरीदार नहीं हैं। इनके भाव इतने कम हैं कि 4 से 5 रुपए किलो में भी खरीदार उपलब्ध नहीं हैं। फलत: किसान अपना उत्पाद खेतों में ही छोड़ दे रहे हैं क्योंकि उनकी कटाई और परिवहन का भी खर्च नहीं निकल पा रहा है। विडंबना यह है कि केंद्र एवं राज्य सरकार साथ ही किसान नेता सिर्फ अनाजों की ही न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात करते हैं। उनका ध्यान सब्जी उत्पादकों पर नहीं है। स्थानीय किसानों ने कहा कि जब कभी इनकी कीमतों में मौसमी मार के चलते वृद्धि होती है, उसी समय राजनीतिज्ञ और जनता हाहाकार मचाती है और आज किसानों के दु:ख-दर्द को देखने व सुनने वाला कोई नहीं है। इस संदर्भ में फेडरेशन ऑफ हजारीबाग चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज राज्य एवं केंद्र सरकार से मांग करता है कि हरी सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए एवं इसके परिवहन की भी व्यवस्था सरकारी स्तर पर होनी चाहिए ताकि गरीब किसान प्रोत्साहित हो अन्यथा हतोत्साहित होकर कहीं सब्जी उत्पादन करना ही छोड़ ना दें। फल एवं सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनोद सिंह एवं सचिव सुनील अग्रवाल का कहना है कि यहां पर सरकारों का दोहरा चरित्र उजागर होता है। सिर्फ अनाज उत्पादन पर सरकारों का ध्यान केंद्रित रहता है। क्या सब्जी उत्पादक किसानों की श्रेणी में नहीं आते। आज चेंबर के पदाधिकारी एवं सदस्य गण स्थानीय सब्जी मंडी में जाकर सब्जियों का बुरा हाल देखा एवं किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी जायज मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा। चेंबर के पदाधिकारियों में मुख्य रूप से चेंबर अध्यक्ष शंभू नाथ अग्रवाल, सचिव राकेश ठाकुर, सक्रिय सदस्य अजय खन्ना एवं सहसचिव तारीख अहमद राजा उपस्थित थे।

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