गणिनी आर्यिका 105 विभाश्री माताजी का मंगल प्रवेश

प्रवचन, आशीर्वचन के बाद मंगल विहार, मोरांगी में रात्रि विश्राम

हजारीबाग। परम पूज्य गणाचार्य 108 विराग सागर जी महाराज की शिष्या गणिनी आर्यिका 105 विभाश्री माताजी ससंघ (12 पिच्छी) का शनिवार प्रातः 8:00 बजे हजारीबाग नगर में गाजे बाजे के साथ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। मंगल प्रवेश डिस्ट्रिक मोड़ चौक के पास से हुआ।

इसमें जैन समाज के अध्यक्ष धीरेंद्र सेठी, उपाध्यक्ष जयप्रकाश विनायका, समाज के महामंत्री पवन कुमार अजमेरा, मंत्री उत्तम पाटोदी, कार्यकारिणी सदस्य सुनील अजमेरा, सुनील विनायका, विजय लुहाड़िया, राजेश सेठी, विपिन छाबड़ा, किशोर विनायका सहित काफी संख्या में जैन समाज के महिला एवं पुरुष वर्ग के लोग शामिल हुएं। नगर प्रवेश के क्रम में जगह जगह भक्तों द्वारा आरती व पाद प्रक्षालन किया गया। बड़ा बाजार मंदिर में समाज की महिलाओं द्वारा सभी आर्यिका माता जी का भव्य स्वागत और पाद प्रक्षालन किया गया। जिन दर्शन के उपरांत आर्यिका 105 विभाश्री माताजी का मंगल प्रवचन हुआ। माता जी ने बताया कि वाणी में मधुरता कितनी जरूरी है। जरा सी बोलने में चूक हो जाए, तो सारा किया कराया पर पानी फिर जाता है।

साथ ही माताजी ने बताया कि नित्य नियम से जितना देव दर्शन, जिन पूजन, अभिषे, गुरु भक्ति आदि करेंगे, उतना हमारा पुण्य संचय होगा। इस कारण हमें भविष्य में किसी भी तरह का अभाव नहीं होगा। बताते चलें कि तिलैया से इटखोरी होते हुए माता जी ससंघ का विहार हजारीबाग की ओर हुआ। विहार कराने में तिलैया और इटखोरी वालों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।माता जी का विहार हजारीबाग से रामगढ़ होते हुए इंदौर की तरफ होगा।

माता जी ससंघ के दर्शन के लिए तिलैया, इटखोरी, रामगढ़ समाज से काफी संख्या में भक्तों का आना हुआ। सभी ने श्री फल अर्पित कर माता जी से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।
दिगंबर जैन पंचायत हजारीबाग द्वारा बाहर से आए सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया गया। मंगलाचरण कुसुम अजमेरा द्वारा किया गया। कार्यक्रम संचालन विजय लुहाड़िया ने किया। पूज्य माताजी का मंगल विहार शनिवार कीदोपहर 2.30 बजें बड़ा बाजार मंदिर से हुआ। रात्रि विश्राम श्री राधा कृष्ण स्कूल, मोरांगी में हुआ। यह जानकारी मीडिया प्रभारी राजेश लुहाड़िया से मिली।

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