धृति और मनस्वी ने अपनी पॉकेट मनी से सेवा का दिया अनूठा उदाहरण

लायंस क्लब के खिचड़ी वितरण प्रोजेक्ट में किया अंशदान

सौम्य मिश्रा

रांची। रांची के सदर अस्पताल में लायंस क्लब ऑफ रांची ग्लोबल द्वारा आयोजित खिचड़ी वितरण कार्यक्रम में इस बार सेवा और मानवता का एक नया अध्याय जुड़ा। कार्यक्रम की सबसे प्रेरणादायक कहानी धृति यशस्वी परिदा (4 वर्ष) और मनस्वी अगम्या परिदा (7 वर्ष) की रही, जिन्होंने अपनी पॉकेट मनी बचाकर इस आयोजन में अंशदान किया। इन बच्चियों ने जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था में सहयोग देकर यह दिखाया कि सेवा भावना उम्र या संसाधनों पर निर्भर नहीं होती।

पॉकेट मनी से सेवा तक का प्रेरणादायक सफर

स्कॉटलैंड से भारत प्रवास पर आईं इन बालिकाओं ने अपनी छोटी-छोटी बचत को मानवता की सेवा के लिए समर्पित किया। यह पहल उनके संस्कारों और परिवार से मिली सीख का प्रमाण है। इनकी माता पूजा गद्द्यान ने उन्हें भारतीय संस्कृति और सेवा भावना के मूल्य सिखाए हैं।

पूजा गद्द्यान ने कहा, “मैंने हमेशा अपनी बेटियों को सिखाया है कि सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने में है। उनकी इस पहल ने मुझे गर्व महसूस कराया है।” धृति और मनस्वी के पिता श्री राखेल कुमार परिदा इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे, लेकिन उनका भी इस प्रयास में योगदान प्रशंसनीय है।

कार्यक्रम को गरिमामय बनाने वाले विशेष अतिथि

कार्यक्रम में सदर अस्पताल के डीएस डॉ. बिमलेश रंजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने बच्चियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “इतनी छोटी उम्र में इनका सेवा कार्य में भाग लेना बेहद प्रेरणादायक है। इससे समाज में नई दिशा और ऊर्जा का संचार होगा।”

लायंस क्लब का ड्रीम प्रोजेक्ट

लायंस क्लब ऑफ रांची ग्लोबल के एडमिनिस्ट्रेटर और जोन चेयरपर्सन ने कहा, “हमारा खिचड़ी प्रोजेक्ट मानव सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। धृति और मनस्वी जैसी बालिकाओं का योगदान हमारी प्रेरणा को और बढ़ाता है।”
क्लब के सचिव मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम उनके सिग्नेचर प्रोजेक्ट का 24वां सफल सप्ताह है और इसे पूरे वर्ष जारी रखा जाएगा।

समाजसेवियों के लिए प्रेरणा का स्रोत

क्लब के कोषाध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने कहा, “धृति और मनस्वी का यह योगदान यह साबित करता है कि छोटी उम्र में भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। मैं समाज के सभी वर्गों से अपील करता हूं कि वे ऐसे नेक काम में अपना सहयोग दें।”

कार्यक्रम के प्रायोजकों का आभार

क्लब के जनसंपर्क अधिकारी सह मीडिया प्रभारी अल्तमश आलम ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने वाले प्रायोजकों का धन्यवाद किया। उन्होंने विशेष रूप से श्रीमती मंजू गद्द्यान, पूजा गद्द्यान और उनकी बेटियों धृति यशस्वी परिदा और मनस्वी अगम्या परिदा का आभार व्यक्त किया, जिनके योगदान से यह आयोजन सफल हुआ।

समाज को मिली एक नई प्रेरणा

धृति और मनस्वी ने अपनी बचत को सेवा के बड़े कार्य में बदलकर यह साबित कर दिया कि “सेवा का मतलब बड़ा दान नहीं, बल्कि बड़ा दिल होता है।” उनके इस प्रयास ने यह भी संदेश दिया कि सेवा भावना को बचपन से ही पोषित किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस कार्यक्रम में सैलेश अग्रवाल, मनोज कुमार मिश्रा, संतोष अग्रवाल, अल्तमश आलम, राजीव चौधरी, मंजू गद्द्यान, पूजा गद्द्यान सहित क्लब के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

छोटे कदम, बड़ा बदलाव

धृति यशस्वी परिदा और मनस्वी अगम्या परिदा ने अपनी पॉकेट मनी से लायंस क्लब के प्रोजेक्ट में अंशदान कर यह दिखाया कि छोटी उम्र या सीमित साधनों के बावजूद, यदि हृदय में सेवा की भावना हो तो बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

पॉकेट मनी से परोपकार तक: धृति और मनस्वी का लायंस क्लब के साथ प्रेरक सफर”

यह कार्यक्रम न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह मानवता, संस्कार और समर्पण का उत्सव था, जिसने रांची और स्कॉटलैंड के बीच मानवता का एक सेतु बना दिया।

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