सदर विधायक ने झारखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी सरस्वती देवी को जयंती पर दी श्रद्धांजलि

सरस्वती देवी जी का बलिदान नारी सशक्तीकरण और स्वतंत्रता संग्राम की अमिट गाथा है, हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए : प्रदीप प्रसाद

हजारीबाग। झारखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी सरस्वती देवी की 124वीं जयंती के अवसर पर दारू प्रखंड स्थित सरस्वती +2 उच्च विद्यालय में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर हजारीबाग सदर विधायक प्रदीप प्रसाद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने सरस्वती देवी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती देवी जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इसके उपरांत आयोजन समिति द्वारा सदर विधायक प्रदीप प्रसाद का फूलों का गुलदस्ता एवं शॉल भेंट कर अभिनंदन किया गया। समारोह में उपस्थित अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने सरस्वती देवी के महान बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को स्मरण किया।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि सरस्वती देवी झारखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। वे हजारीबाग से गिरफ्तार होने वाली पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी बनीं। उनका जीवन समाज और विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

इस अवसर पर सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने जनता को संबोधित करते हुए कहा की सरस्वती देवी जी नारी सशक्तीकरण और स्वतंत्रता संग्राम की अमिट गाथा हैं। उन्होंने अपने अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति से यह सिद्ध कर दिया कि महिलाओं की भूमिका हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। हमें उनके संघर्षों से प्रेरणा लेकर समाज में महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य करना चाहिए। राज्य सरकार को भी झारखंड की वीरांगनाओं के योगदान को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए,विधायक प्रदीप प्रसाद ने यह भी आश्वासन दिया कि सरस्वती देवी जी के योगदान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान से प्रेरित हो सकें।

इस कार्यक्रम में प्राचार्य रामेश्वर प्रसाद, मारूती शरण सहाय, शारदा सहाय, सुकेश सहाय, अनूपम सहाय, मुकेश सहाय, रघुवेंद्र सहाय, दीपा सहाय, दिव्या शालिनी, मीना नारायण सहित सरस्वती देवी जी के परिवार के अन्य सदस्य, विद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थितजनों ने सरस्वती देवी जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने और राष्ट्रसेवा के पथ पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

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