टंडवा (चतरा) : रविवार को टंडवा थाना क्षेत्र में हथियारबंद नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए पुलिस को खुली चुनौती दी। नक्सलियों ने लेम्बुआ गांव निवासी भूनेश्वर साहू उर्फ़ विशुन साव का अपहरण कर कुछ देर बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। पुलिस ने पदमपुर के जंगलों में सर्च अभियान चलाया, जिसके तहत धमधमिया जंगल में विशुन साव का सिर कटा शव बरामद किया गया।
विशुन साव हर रोज अपने मवेशियों की देखभाल के लिए पदमपुर के पाही स्थित घर जाता था। रविवार सुबह भी वह अपनी माँ के साथ जंगल की ओर निकला, तभी घात लगाए नक्सलियों ने उसे अगवा कर लिया। उन्होंने उसकी मां शीतली देवी को पेड़ से बांध दिया और विशुन को जंगल की ओर ले गए, जहां टंडवा-बालूमाथ सीमांत पर स्थित धमधमिया जंगल में उसकी गला रेतकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है।
घटना की जानकारी मिलते ही जिले के एसपी विकास पांडे, एसडीपीओ प्रभात रंजन बरवार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और मामले की जांच शुरू की। एसपी ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए कहा कि अपराधी नकाब पहने हुए थे, जो यह संकेत देता है कि वे नक्सली नहीं बल्कि पेशेवर अपराधी हो सकते हैं। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त धारदार तलवार, एक काले रंग का गमछा और एक बाल्टी बरामद की है।
विशुन साव की पारिवारिक स्थिति
विशुन साव दो पुत्र और दो पुत्रियों के पिता थे। वह अपनी छोटी बेटी की शादी के लिए वर देखने जाने वाला था, लेकिन इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसकी पत्नी पर अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई है। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और लोगों की आंखें नम हो गईं। घटना के बाद जब एसपी विकास पांडे विशुन साव के घर पहुंचे, तो परिवार की चीख-पुकार सुन वे भावुक हो गए। उन्होंने विशुन के बेटे को गले लगाकर उसके आंसू पोंछे और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
इस हत्या ने राजनीतिक हलचल भी तेज कर दी है। विधानसभा क्षेत्र के विधायक उज्जवल दास ने मौके पर पहुंचकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह हत्या राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था की विफलता का प्रमाण है। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने की मांग की।
विशुन साव का नक्सलियों से पुराना संबंध
विशुन साव एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) का सरकारी गवाह था। वह आम्रपाली परियोजना में टेरर फंडिंग से जुड़े टंडवा थाना कांड संख्या 22/18 और एनआईए के कांड संख्या 06/18 में गवाह था। इस कारण वह टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) नामक नक्सली संगठन के निशाने पर था।
फिरौती और हत्या
विशुन साव के सहयोगी महावीर प्रसाद के अनुसार, हाल ही में नक्सलियों ने सड़क निर्माण के बदले उससे लेवी मांगी थी, जिसे देने से उसने इनकार कर दिया था। मोहन गंझू नामक नक्सली ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि टीएसपीसी नक्सलियों ने राजनीतिक साजिश के तहत उसकी हत्या की हो सकती है। विशुन साव की हत्या के बाद पुलिस के लिए नक्सलियों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और तलाशी अभियान जारी है। पुलिस नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। इस घटना ने फिर से क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को उजागर कर दिया है और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
विशुन साव की हत्या ने पूरे इलाके में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है। वहीं, राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इस घटना ने क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी को फिर से चर्चा में ला दिया है, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।