चतरा : समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से संबंधित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक जनजातीय समुदाय के संपूर्ण उत्थान के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई। इस योजना का उद्देश्य चतरा जिले के 12 प्रखंडों के 83 गांवों के 1827 अनुसूचित जनजाति परिवारों के लगभग 7700 व्यक्तियों को लक्षित करना है, जिन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
बैठक में बताया गया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान भारत के जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस अभियान के तहत आगामी पांच वर्षों में 17 मंत्रालयों के 25 से अधिक महत्वपूर्ण योजनाओं और हस्तक्षेपों का कार्यान्वयन किया जाएगा। यह कार्य सैचुरेशन मोड में किया जाएगा, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना और उनके लिए समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
इस अभियान में शामिल योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण, मोबाइल कनेक्टिविटी, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, आयुष्मान कार्ड, उज्जवला योजना, आधार कार्ड निर्माण, आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण, समग्र शिक्षा अभियान के तहत छात्रावास और क्लासरूम का निर्माण, स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स, ट्राइबल मार्केटिंग सेंटरों का निर्माण और वन अधिकार पट्टे से आच्छादित व्यक्तियों को कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में जोड़ने जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
उपायुक्त श्री रमेश घोलप ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे चिन्हित जनजातीय ग्रामों में ग्राम सभा का आयोजन कर अपने विभागों से संबंधित गैप एनालिसिस करें और रिपोर्ट को प्रत्येक वर्ष के आधार पर 15 दिनों के भीतर जिला कल्याण कार्यालय में उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रखंड स्तरीय समितियों का गठन करें और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसमें शामिल करें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक ग्राम के लिए एक जिम्मेदार सरकारी कर्मी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रत्येक ग्राम में धरती आबा अभियान के तहत ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा और वहां सभी मूलभूत आवश्यकताओं की गैप एनालिसिस की जाएगी। यह गैप एनालिसिस एक निर्धारित प्रपत्र में तैयार किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि किस योजना के तहत किन-किन सुविधाओं की आवश्यकता है। ग्राम सभा में जेएसलपीएस के महिला समूह के सदस्य, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि जैसे वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया और ग्राम प्रधान को भी शामिल किया जाएगा। इस प्रकार की साझेदारी और समन्वय से योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होगी।
उपस्थित अधिकारियों में वन प्रमंडल पदाधिकारी उत्तरी राहुल मीणा, वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी मुकेश कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी शिशिर पंडित, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी दौलत कुमार, सभी संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। बैठक में सभी ने अभियान के उद्देश्य को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और यह सुनिश्चित किया कि निर्धारित कार्य समय पर और पूरी गंभीरता से किए जाएं।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य न केवल जनजातीय परिवारों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करना है, बल्कि उनके जीवन स्तर में सुधार लाकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल करना भी है। इस तरह की योजनाओं से जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी और वहां रहने वाले लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास और अन्य मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होंगी। इसके अलावा, जनजातीय समुदाय को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने में भी यह अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस योजना के सफल क्रियान्वयन से चतरा जिले में जनजातीय समुदाय के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और यह पूरे राज्य और देश के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है।