स्वास्थ्य योजनाओं का जमीनी निरीक्षण : स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर जोर

उपायुक्त ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा

साहिबगंज : समाहरणालय सभागार में उपायुक्त हेमंत सती की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति, जिला स्वास्थ्य टास्क फोर्स, राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल और सदर अस्पताल के उन्नयन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत विभिन्न योजनाओं पर चर्चा हेतु महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रोत्साहन राशि वितरण पर विशेष जोर दिया गया।

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) पर जागरूकता

उपायुक्त ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) को लेकर किसी भी प्रकार के दहशत में न आने की अपील की। उन्होंने बताया कि यह बीमारी महाराष्ट्र के पुणे में अधिक संख्या में देखी गई है और राज्य के रांची जिले में मात्र एक संभावित मामला सामने आया है, जिसका ट्रैवल हिस्ट्री महाराष्ट्र से जुड़ा है। उन्होंने अफवाहों से बचने और इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए व्यापक चर्चा की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अस्पतालों में मरीजों के बैठने की सुविधा, स्वच्छता, शौचालय, पीने का पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

उपायुक्त ने जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआरसीएचओ) को निर्देश दिया कि एनएचएम के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की प्रोत्साहन राशि समय पर लाभार्थियों तक पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर मॉनिटरिंग आवश्यक है।

ममता वाहन सेवा की निगरानी

सभी मेडिकल ऑफिसर-इन-चार्ज (एमओआईसी) को निर्देश दिया गया कि वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित ममता वाहन की नियमित रिपोर्ट सिविल सर्जन को प्रस्तुत करें। उपायुक्त ने बताया कि ममता वाहन सेवा का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, इसलिए इसकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही स्वास्थ्य योजनाओं की स्थिति और उनके क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर चर्चा की। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी समय-समय पर फील्ड विजिट करें और योजनाओं की जमीनी हकीकत का जायजा लें। उपायुक्त ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वे टीम भावना के साथ काम करें और जिले के स्वास्थ्य मानकों को बेहतर बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से ही जिले के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

बैठक में सिविल सर्जन प्रवीण कुमार संथालीया, डीपीएम हिना सिंह अरोड़ा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत करने के इस प्रयास से जिले के नागरिकों को बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होंगी और जिले का स्वास्थ्य मानक और अधिक मजबूत होगा।

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