विभिन्न संगठनों ने जताया विरोध, सरकार को बताया विफल
झारखंड में थम नहीं रहा विभिन्न पर्चा लीक का मामला
इम्तिहान से पहले सोशल मीडिया पर छा गए थे सवाल, मिलान करने पर हुई पुष्टि
रांची। झारखंड में पर्चा लीक का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन परीक्षा माफिया के कारण विद्यार्थियों की सेहत और मनोबल पर असर पड़ रहा है। फिलहाल मामला गिरिडीह, रांची और कोडरमा से जुड़ा बताया जा रहा है। परीक्षा केंद्रों में पेपर खुलने के पहले सोशल मीडिया पर पूछे जाने वाले प्रश्नों की झड़ी लगी हुई थी। झारखंड एकेडेमिक काउंसिल (जैक) ने जब हिन्दी और विज्ञान की परीक्षा के प्रश्न पत्रों का सोशल मीडिया पर छाए सवालों से मिलान किया, तो वह सही पाए गए। फिर 18 फरवरी को दी गई हिन्दी और 20 फरवरी को हुई विज्ञान की परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इधर विभिन्न संगठनों ने पर्चा लीक मामले पर विरोध जताते हुए झारखंड सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।
क्या कहते हैं जैक के अध्यक्ष
जैक के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने एक निजी चैनल को बताया है कि 20 फरवरी की सुबह 9.45 बजे प्रश्न पत्र का पैकेट खुलते ही वायरल प्रश्न पत्र से मिलान किया गया। मिलान में मामला सही पाया गया। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस बाबत एक हाई लेवल बैठक भी की है। जैक अध्यक्ष नटवा हांसदा का कहना है कि विज्ञान सैद्धांतिक की परीक्षा रद्द करने की कवायद शुरू हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी का भी गठन किया जाएगा।
भ्रामक खबरों से बचने की सलाह
इधर जैक ने वेब नोटिस जारी कर अभ्यर्थियों को भ्रामक खबरों से बचने की सलाह दी थी। जैक सचिव के हस्ताक्षर से जारी नोटिस में कहा गया था कि अभ्यर्थियों को भ्रामक खबरों से बचना है। परिषद पूरी गोपनीयता और निष्पक्षता के साथ पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ऐसी किसी भी खबर की पुष्टि के लिए जैक के आधिकारिक वेबसाइट को देखने की सलाह दी थी।