टीवी टावर स्थित डीपीएस गेट में जड़ा ताला, निदेशक को बाहर निकाला

स्कूल का बदला नाम, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल का लगा दिया बोर्ड

स्कूल की कमाई देख पलटी नजर, अब नहीं चाहिए ढाई लाख महीना किराया, बनेंगे पार्टनर

भंवर में उलझा सीबीएसई संबद्ध स्कूल के 1200 बच्चों का भविष्य

हजारीबाग। हजारीबाग में दो डीपीएस संचालित हैं। यह शंकरपुर स्थित डीपीएस नहीं, टीवी टावर के पास बने डीपीएस का मामला है।इस डीपीएस गेट में मंगलवार को ताला जड़ दिया गया है और निदेशक को गेट से बाहर निकाल दिया गया है।
बताया जा रहा है कि स्कूल की कमाई देख जमीन मालिक की नजर पलट गई है और अब उन्हें ढाई लाख महीना किराया नहीं चाहिए, बल्कि स्कूल में पार्टनरशिप बनने के अभिलाषी हैं।

यह स्कूल 2013 में एक किराए के मकान में खुला था। उस वक्त डेढ़ लाख रुपए प्रत्येक महीना मकान मालिक किराया लेते थे और 30 साल का एग्रीमेंट किया गया था। फिर धीरे-धीरे किराया बढ़ाकर प्रत्येक महीना ढाई लाख रुपए कर दिया गया। लेकिन इस ढाई लाख रुपए महीना से मकान मालिक संतुष्ट नहीं हुए और स्कूल की कमाई पर उसकी नजर पड़ गई। अब वह खुद स्कूल चलना चाहते हैं, नहीं तो डीपीएस स्कूल का पार्टनर बनना चाहते हैं। लेकिन मकान मालिक की यह बात स्कूल संचालक सुनील यादव को हजम नहीं हुई और उन्हें स्कूल का पार्टनर रखने से इनकार कर दिया।

इसके बाद मंगलवार को मकान मालिक ओम प्रकाश जायसवाल के पुत्र और डीपीएस स्कूल के संचालक सुनील यादव के बीच विवाद होने लगा। फिर सुनील यादव को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया गया। स्कूल का नाम बदलकर जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल का बोर्ड लगा दिया गया। इस स्कूल में करीब 1200 बच्चे पढ़ते हैं। इन घटनाओं से इन सभी बच्चों का भविष्य भंवर में फंसे गया है। अभी वार्षिक इम्तिहान का भी मौसम है। अभिभावक भी परेशान हैं।

क्या कहते हैं डीपीएस स्कूल के संचालक सुनील यादव

इस संबंध में सुनील यादव ने कहा कि स्कूल का मुख्य ट्रस्टी वही हैं। उन्होंने ओम प्रकाश जायसवाल से वर्ष 2013 में भवन किराया पर लिया था। उनृहें भी स्कूल का एक ट्रस्टी सदस्य बनाया था। उस वक्त डेढ़ लाख रुपए प्रत्येक महीने पर 30 साल का एग्रीमेंट हुआ था। बाद में वह किराया बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दिए। जबकि मकान मालिक को स्कूल ट्रस्ट का एक सदस्य भी बनाया गया था। ट्रस्ट के नाते स्कूल में बैठे भी थे। लेकिन उनके द्वारा स्कूल की कमाई लगभग एक करोड़ रुपए का गबन कर लिया गया और अब वह स्कूल का मालिक बनना चाहते हैं। जब उनकी शर्त को नहीं माना गया, तो वह
स्कूल खोलने वाले को ही स्कूल से बाहर निकल रहे हैं। यहां तक कि स्कूल में एक नया स्कूल का भी बोर्ड लगा दिया है। डीपीएस स्कूल में अभी 1200 बच्चे पठन-पाठन कर रहे हैं। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है। वह स्कूल बंद करने की बात कह रहे हैं। जबकि कानूनी तौर पर हमारे पास कई दस्तावेज भी उपलब्ध हैं।इसकी जानकारी एसडीओ को भी दी गई है। लेकिन मकान मालिक के पास कई उच्च स्तरीय पैरवी है। वह चाहते हैं कि स्कूल बंद हो और फिर अपनी रोटी सेक सकें।

मेरे पिता भी ट्रस्टी सदस्य, स्कूल का बदल दिया है नाम

वही इस संबंध में मकान मलिक ओम प्रकाश जायसवाल के पुत्र ने बताया कि यह स्कूल किराए पर दिया गया था, जिसमें मकान मालिक भी एक ट्रस्टी सदस्य हैं और अब यह स्कूल का नाम बदल दिया जा रहा है। सुनील यादव को स्कूल से हटाया जा रहा है।

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