हजारीबाग। विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार के आदेश से डॉ. गोविंद कुमार झा को गणित विभाग का विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डॉ झा ने शनिवार को अपना योगदान भी समर्पित कर दिया है।
डॉ. झा एक प्रतिष्ठित गणितज्ञ और शिक्षाविद् हैं, जिनके पास शिक्षा और शोध के क्षेत्र में 21 वर्षों का समृद्ध अनुभव है।
डॉ. झा ने अब तक 25 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, चार किताबें लिखी हैं और दो पेटेंट प्राप्त किए हैं। उनके निर्देशन में अब तक दो शोधार्थियों ने पीएच.डी. पूरी की है, जबकि एक शोध प्रबंध जमा हो चुका है।
डॉ. झा की शैक्षणिक यात्रा 1998 में महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से शुरू हुई, जहां उन्होंने गणित (ऑनर्स) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। इसके साथ ही, उन्होंने 2004 में यूजीसी नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की।
अपने करियर की शुरुआत डॉ. झा ने नई दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से की, जो गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से संबद्ध है। झारखंड में उन्होंने अपना करियर 2008 में आर.एस.पी. कॉलेज, झरिया से शुरू किया।
डॉ. झा की नियुक्ति से विश्वविद्यालय में हर्ष का माहौल है। उनके सहकर्मी और छात्र उनके शिक्षण और शोध के प्रति समर्पण की सराहना करते हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आशा व्यक्त की है कि उनके नेतृत्व में गणित विभाग नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।
ज्ञात हो कि पूर्व कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने नियम परिणाम की अनदेखी करते हुए डॉ झा को स्नातकोत्तर विभाग से मारखम महाविद्यालय स्थानांतरित कर दिया था। इसके कारण विभावि के नैक मूल्यांकन के समय डॉ झा के शोध और पेटेंट के अंक का लाभ विश्वविद्यालय को प्राप्त नहीं हुआ। विश्वविद्यालय के पास सब कुछ रहने के बावजूद ऐसे गलत निर्णय के कारण ‘ग्रेड ए’ से वंचित रहना पड़ा।