14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए पत्नी की हत्या के आरोपी पूर्व एसडीओ अशोक कुमार

घटना के 44 दिनों के बाद रांची से किए गए गिरफ्तार

हजारीबाग। पत्नी अनिता कुमारी को जला कर मारने के आरोप में फरार चल रहे हजारीबाग सदर अनुमंडल के तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार को आखिरकार पुलिस ने 44 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्हें रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र से पकड़ा गया, जहां वे एक मित्र के घर शरण लिए हुए थे। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें पहले मेडिकल जांच के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गई, फिर कड़ी सुरक्षा में हजारीबाग कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, उसके बाद उन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में स्थानांतरित किया गया।

ऐसे हुई गिरफ्तारी

हजारीबाग पुलिस को काफी समय से अशोक कुमार की तलाश थी। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन वे लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे।

पुलिस ऐसे पहुंची आरोपी तक पुलिस को जानकारी मिली थी कि अशोक कुमार रांची के जगन्नाथपुर इलाके में छिपे हुए हैं। टेक्निकल सर्विलांस और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस उनकी तलाश में जुटी। जब हजारीबाग पुलिस जगन्नाथपुर इलाके में पहुंची, तो उन्हें वहां एक स्कॉर्पियो गाड़ी मिली। जब इस गाड़ी का नंबर चेक किया गया, तो यह किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत निकली। पुलिस ने गाड़ी मालिक से पूछताछ की, लेकिन उसने किसी भी जानकारी से इनकार कर दिया। पुलिस को सूचना मिली कि अशोक कुमार जगन्नाथपुर के एक पार्क में मास्क और टोपी लगाकर घूम रहे हैं। पुलिस ने वहां घेराबंदी की और जब अशोक कुमार को पहचाना, तो तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि वे किसी व्यक्ति से पैसे लेने पार्क आए थे।

गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुलिस उन्हें लेकर हजारीबाग रवाना हो गई। पूरी रात पुलिस टीम चरही गेस्ट हाउस में रही और सोमवार सुबह करीब 10 बजे उन्हें मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश किया गया।

जानिए पूरा मामला

पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी अनिता कुमारी 26 दिसंबर की सुबह 7 बजे सरकारी आवास में बुरी तरह झुलसी हुई मिली थीं। उन्हें गंभीर हालत में रांची के देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने हजारीबाग के लोहसिंघना थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में निम्नलिखित चार लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था जिसमें पूर्व एसडीओ अशोक कुमार (पति), दुर्योधन साव (अशोक कुमार के पिता) शिवनंदन कुमार (अशोक कुमार का छोटा भाई) रिंकू देवी (शिवनंदन की पत्नी) परिजनों ने आरोप लगाया था कि अनिता देवी को उनके ससुराल पक्ष के लोगों ने जला कर मार डाला।

गिरफ्तारी के बाद पहली बार पूर्व एसडीओ अशोक कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। अभी तक केवल एक पहलू को लेकर दुष्प्रचार किया गया है। जहां तक मेरी पत्नी अनिता देवी की बात है, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहूंगा। गिरफ्तारी के बाद अशोक कुमार को हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्वास्थ्य जांच की। इसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच हजारीबाग कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद पुलिस उन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा, हजारीबाग में ले गई। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। पुलिस जिसे भी गिरफ्तार करती है, उसे कोर्ट में पेश करना होता है। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आगे यदि अशोक कुमार चाहेंगे, तो जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया जाएगा।
हजारीबाग पुलिस अब इस मामले में आगे की गहन जांच में जुट गई है।
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अशोक कुमार ने फरारी के दौरान किन-किन जगहों पर शरण ली और कौन लोग उनकी मदद कर रहे थे।
अन्य आरोपियों की भूमिका की भी दोबारा समीक्षा की जा रही है।

हथकड़ी लगा अदालत में पेश हुए पूर्व एसडीओ अशोक कुमार

पत्नी की हत्या के आरोप में हुई थी प्राथमिकी दर्ज, नौ फरवरी को रांची से हुए थे गिरफ्तार


सदर के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार को लोहसिंघना थाना पुलिस ने हथकड़ी लगाकर सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश की। उनकी गिरफ्तारी रविवार को रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र से की गई थी। जिसके बाद उन्हें सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने पूर्व एसडीओ को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेपी केन्द्रीय कारा भेज दिया। इसके पूर्व शेख भिखारी मेडिकल अस्पताल में स्वास्थ्य जांच की गई थी। बताते चले कि 26 दिसंबर को झील रोड स्थित एसडीओ आवास में एसडीओ की पत्नी अनिता देवी गंभीर रूप से झुलस गई थी। जिनका ईलाज बोकारो जेनरल अस्पताल में हुआ। बाद में स्थिति बिगड़ने पर रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी बीच अनिता देवी के मायके वालों ने लोहसिंघना थाना में एक आवेदन इस बाबत दिया था। बाद में उनकी मौत ईलाज के दौरान हो गई थी। उनके निधन के बाद मृतिका अनिता देवी के भाई राजु कुमार गुप्ता सहित अन्य परिजन, समाजसेवी एवं राजनीतिक दल के लोगों ने लोहसिंघना थाना का घेराव भी किया था। वर्तमान में भी पूर्व एसडीओ एवं उनके परिवार के जल्द गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी। इस मामले में मृतिका के भाई के फर्द ब्यान पर लोहसिंघना थाना कांड संख्या 235/2024 भारतीय न्याया संहिता की धारा 109(1), 124(2), 351(2), 86(4), 127(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में निष्पक्ष जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर मृतिका के भाई राजु कुमार गुप्ता ने पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, रांची को भी आवेदन दिया था। साथ ही न्यायालय गैर जमानतीय वारंट भी निर्गत किया गया था। इसके पूर्व 31 जनवरी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छः काशिका एम प्रसाद की अदालत ने पूर्व एसडीओ की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किया था। झारखंड उच्च न्यायालय रांची में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने की कवायद चल रही थी।

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