मधुपुर विधानसभा सीट की अगर बात की जाए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाजी हुसैन अंसारी तीन बार विधायक बने। वह कई बार सरकार में मंत्री रहे। दो बार भाजपा के राज्य पलिवार भी विधायक व मंत्री रहे। वर्ष 2019 के चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी विधायक व मंत्री बने लेकिन महज 10 माह के बाद ही उनका असामयिक निधन हो गया। उनके बड़े पुत्र हफीजुल हसन को बगैर विधायक बने ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट मंत्री बनाया। वर्ष 2021 के उपचुनाव में हफीजुल मधुपुर विधानसभा से विधायक बने।
1952 में मधुपुर विधानसभा में आजादी के बाद पहला चुनाव हुआ था। इस चुनाव में झारखंड पार्टी के प्रत्याशी गोकुल महरा ने 15,555 मत प्राप्त कर जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस पार्टी के सूर्य प्रसाद मिर्धा 13216 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 1957 के चुनाव में कांग्रेस के मंहगू लाल दास और 1962 में एसडब्ल्यूए के छोटू तुरी विधायक बने। मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनसंघ व जनता पार्टी से डॉ अजीत कुमार बनर्जी वर्ष 1967 से 1980 तक विधायक रहे। इसके बाद लगातार तीन बार कांग्रेस के कृष्णानंद झा विधायक व मंत्री बने।