राष्ट्रीय युवा दिवस पर कोलकाता में विभावि ने लहराया परचम
वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना के लिए विभावि का चयन, शोध के लिए मिलेंगे 10 करोड़ रुपए
वर्षारंभ में विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग ने हासिल की दो बड़ी उपलब्धियां
हजारीबाग। 2025 वर्षारंभ में विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग ने दो बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। एक तो युवाओं ने बड़ा उपहार दिया, वहीं भारत सरकार ने शोध में इस विश्वविद्यालय पर बड़ा भरोसा जताया है। कोलकाता में राष्ट्रीय युवा दिवस पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने पूर्वी प्रक्षेत्र के नामचीन 56 शिक्षण संस्थानों को पछाड़ युवा महोत्सव अपने नाम किया। वहीं भारत सरकार ने लिथियम और रेयर अर्थ मिनरल आधारित वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना के लिए विभावि का चयन किया है। इसके लिए
विश्वविद्यालय को शोध के लिए 10 करोड़ रुपए मिलेंगे।
युवा महोत्सव में परचम : कोलकाता अवस्थित सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय की मेजबानी में 8 से 12 जनवरी तक आयोजित 38वां पूर्वी क्षेत्र युवा महोत्सव के चैंपियनशिप का खिताब विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग ने जीत लिया है। विभावि के इतिहास में यह पहला अवसर है जब विश्वविद्यालय ने इस प्रतियोगिता में पूरे पूर्वी क्षेत्र का चैंपियन बना है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार ने तत्काल फोन करके पूरे विश्वविद्यालय दल को बधाई दी। उन्होंने कहा की और भी गर्व का विषय है कि आज स्वामी विवेकानंद के जन्म जयंती तथा युवा दिवस के दिन यह उपलब्धि विश्वविद्यालय ने हासिल किया है ।
कोलकाता के न्यू टाउन से यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय दल के मुख्य प्रबंधक तथा विश्वविद्यालय के कल्चर को-ऑर्डिनेटर डॉ जॉनी रुफिना तिर्की ने बताया कि इस बार की प्रतियोगिता बहुत अधिक संघर्षपूर्ण था। परंतु प्रतिभागियों को इसके लिए पूरी तरह से तैयार कराया गया था। परीक्षा की घड़ी में प्रतिभागियों ने आश्चर्यजनक प्रस्तुति से केवल पुरस्कार ही नहीं, सबका दिल भी जीत लिया।
विस्तृत जानकारी देते हुए टीम के सह प्रबंधक डॉ अर्चना रीना धान ने बताया कि हमें ओवरऑल चैंपियनशिप में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस प्रकार विनोबा भावे विश्वविद्यालय इस वर्ष का चैंपियन विश्वविद्यालय बना है। उन्होंने बताया कि हमारे जीत का मुख्य कारण यह है कि हमारे दल ने सभी विधाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में द्वितीय स्थान प्राप्त करके पुरस्कार जितने की सिलसिला को पहले ही दिन प्रारंभ कर दिया गया था। विभावि ने पूरे फाइन आर्ट्स में द्वितीय स्थान, पूरे थिएटर में तृतीय स्थान तथा ओवरऑल लिटरेरी प्रतियोगिताओं में भी तृतीय स्थान प्राप्त किया है।
और जानकारी देते हुए टीम के सहायक प्रशिक्षक सोनू कुमार ने बताया कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय को मिमिक्री, इंस्टॉलेशन और कार्टूनिंग प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। ग्रुप सॉन्ग वेस्टर्न में विश्वविद्यालय दल ने द्वितीय पुरस्कार जीता है। इसके अलावा स्किट, मेहंदी, कोलाज, वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंटल तथा फोक आरकेस्ट्रा में तृतीय पुरस्कार जीतने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसके अलावा विश्वविद्यालय को नृत्य में चौथा स्थान तथा प्रश्नोत्तरी और वेस्टर्न एकल गायन में पूरे पूर्वी क्षेत्र में पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है।
डॉ जॉनी रुफिना तिर्की ने बताया कि इस क्षेत्र में कोलकाता सहित बंगाल, ओडिशा, असम के सभी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय तथा पूर्वोत्तर राज्य के विश्वविद्यालयों के दलों को पराजित कर यह चैंपियनशिप जितना एक बहुत बड़ी बात है। ज्ञात हो कि झारखंड के सभी विश्वविद्यालय इस प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।
इस जीत के पीछे एक बड़ी प्रेरणा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार एवं उस समय के छात्र कल्याण संकायअध्यक्ष प्रोफेसर मिथिलेश कुमार सिंह रहे। इन लोगों ने एक-एक तैयारी की समीक्षा की एवं हर जरूरत को भी तत्काल पूरा करने का काम किया। चतरा में युवा महोत्सव का सफल आयोजन भी इस बड़ी जीत की पृष्ठभूमि को तैयार किया। वर्तमान छात्रकल्याण संकायअध्यक्ष डॉ विकास कुमार ने इस सफलता के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति तथा पूर्व डीएसडब्ल्यू के साथ-साथ पूरे युवा महोत्सव दल को बधाई दी।
शोध के अवसर : भारत सरकार की ओर से लिथियम और रेयर अर्थ मिनरल आधारित वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना के लिए विभावि का चयन किया गया है। विश्वविद्यालय को इस शोध के लिए 10 करोड़ रुपए मिलेंगे।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग का चयन भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के वैकल्पिक ऊर्जा परियोजना मे अनुसंधान के लिए किया गया है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार ने बताया की वर्तमान दौर में जहां एक तरफ जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम का भंडार कम होता जा रहा है, वहीं इससे हो रहे प्रदूषण ने भी विश्व को वैकल्पिक ऊर्जा पर चिंतन करने के लिए बाध्य किया है।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे क्रिटिकल मिनरल पर आधारित ऊर्जा का युग आने वाला है। भारत में और विशेष कर झारखंड में लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स के भंडार होने की सूचना है। कुलपति ने बताया कि इसी पर आगे के अनुसंधान के लिए आईआईटी आईएसएम के साथ विनोबा भावे विश्वविद्यालय का चयन करना एक अत्यंत गौरव का विषय है। यह एक क्रांतिकारी पहल है और भारत के साथ पूरे विश्व मानवता के हित में है।
कुलपति ने बताया कि इस संबंध में आईएसएम में उनके एक मित्र के प्रस्ताव को उन्होंने तत्काल स्वीकार कर लिया और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायअध्यक्ष तथा भूगर्भ शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ एच एन सिन्हा को इस कार्य को आगे बढ़ाने का दायित्व दिया। डॉ सिन्हा से बातचीत के बाद आईएसएम आईआईटी के अधिकारी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तत्काल विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नाम की अनुशंसा की जिसको भारत सरकार ने अनुमोदित कर दिया है। कुलपति ने बताया कि इस योजना से विश्वविद्यालय को जोड़ने में डॉ सिन्हा की भूमिका को देखते हुए और उनके शोधकार्यों को देखते हुए डॉ एचएन सिन्हा को प्रधान शोधकर्ता नियुक्त किया गया है।
डॉ एच एन सिंह ने बताया कि इस शोध के लिए प्रारंभिक स्तर पर 10 करोड रुपए विश्वविद्यालय को प्राप्त होंगे। इसके लिए 15 जनवरी तक प्रस्ताव समर्पित करना है। बड़ी बात यह है कि भविष्य के ऊर्जा के निर्धारण में भारत में चलाए गए अभियान का एक अभिन्न अंग बनने का गौरव विनोबा भावे विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत के अन्य आईआईटी के साथ धनबाद में अवस्थित आईएसएम आईआईटी को भी इसका हब बनाया गया है। इसी के अंतर्गत विनोबा भावे का चयन एक सपाइक इकाई के रूप में किया गया है। डॉ एच एन सिन्हा के अधीन दो सह शोधकर्ता होंगे। सह प्रधान शोधकर्ता के लिए विभावि भौतिकी विज्ञान विभाग के डॉ नवीन चंद्रा और आईएसएम आईआईटी धनबाद के प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह का चयन किया गया है।
ज्ञात हो कि डॉ नवीन चंद्र का चयन उनके इलेक्ट्रॉनिक संबंधी शोध तथा ख्याति प्राप्त शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके आलेख के आधार पर किया गया है।