सलीमा टेटे को अर्जुन पुरस्कार मिलना झारखंडी समाज के लिए गर्व का विषय : नायक

झारखंड की धरती सिर्फ खनिजों से ही भरा -पूरा नहीं है, बल्कि इस रत्न गर्भा धरती में अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को देश को दिया है

अगर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार इन गुदड़ी के लाल खिलाड़ियों को सुविधा से लैस कर दिया गया, तो यह धरती खेलकूद के मामले मे चीन, जापान, अमेरिका को पीछे छोड़ देगा

रांची। झारखंड की पहली महिला स्टार हॉकी खिलाड़ी एवं भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे को अर्जुन पुरस्कार मिलना झारखंडी समाज के लिए गर्व का विषय है। यह बात शुक्रवार को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने झारखंड की पहली महिला स्टार हॉकी खिलाड़ी एवं भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान *सलीमा टेटे को अर्जुन पुरस्कार मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया मे कही । उन्होंने आगे कहा कि झारखंड के सिमडेगा जिले की मूल निवासी सलीमा टेटे मई 2024 से भारतीय महिला हॉकी टीम का नेतृत्व कर रही हैं। अपने पैतृक गांव बड़की छापर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का उनका सफर लचीलापन और प्रतिभा से भरा रहा है। उनके पिता, सुलक्षण टेटे, जो एक पूर्व स्थानीय हॉकी खिलाड़ी थे, ने सफलता की चुनौतीपूर्ण यात्रा में उनका कदम कदम पर साथ दिया जो काबिले तारीफ है।
श्री नायक ने आगे कहा कि सलीमा का हॉकी करियर 2010 में शुरू हुआ जब सिमडेगा हॉकी के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने एक ग्रामीण स्तरीय टूर्नामेंट के दौरान उनकी प्रतिभा को देखा। शुरुआत में डिफेंडर रहीं सलीमा ने बाद में मिडफील्डर की भूमिका निभाई और कभी-कभी जरूरत पड़ने पर फॉरवर्ड के रूप में खेलकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 2016 में उन्हें जूनियर भारतीय हॉकी महिला टीम के लिए चुना गया, जिसने उनके उल्लेखनीय करियर की नींव रखी थी। इस सम्मान के साथ, सलीमा अर्जुन पुरस्कार पाने वाली झारखंड की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गई हैं।
श्री नायक ने यह भी कहा कि उनकी यह उपलब्धि हर झारखंडी समाज के लिए गर्व ,और गौरव का विषय है तथा पूरे राज्य के लिए खुशी का क्षण है। इन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की धरती सिर्फ खनिजों से ही भरा -पूरा नहीं है, बल्कि इस रत्न गर्भा धरती में अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को देश को दिया है।अगर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार इन गुदड़ी के लाल खिलाड़ियों को सुविधा से लैस कर दिया गया, तो यह धरती खेलकूद के मामले मे चीन, जापान, अमेरिका को पीछे छोड़ देगा । सिर्फ खिलाड़ियो को तराशने के लिए हर जिलों मे जौहरी रुपी कोच और साधन सिर्फ उपलब्ध करा दिए जाएं।

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