गर्व और गौरव के पल : ओडिशा की जनजातियों पर शोध करेंगे विभावि के डा.गंगानाथ झा

क्योंझर में निवास करनेवाले जुआंग जैसी अति कमजोर जनजाति की जीवनशैली का करेंगे अध्ययन

डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार की ओर से प्रायोजित एवं इंस्टीट्यूट आफ लाइफ साइंस, भारत सरकार की ओर से आया आमंत्रण

हजारीबाग। डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार की ओर से प्रायोजित एवं इंस्टीट्यूट आफ लाइफ साइंस, भारत सरकार द्वारा आयोजित, ओडिशा की जनजातियों के स्वास्थ्य उत्थान के लिए शोध परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना में ओडिशा की कमजोर जनजाति ( पीभीटीजी) के ऊपर शोध किया जा रहा है। इस शोध में क्योंझर में निवास करने वाली जुआंग जैसी अति कमजोर जनजाति को शामिल किया गया है। जनजातियों की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान और इसके सामाजिक-सांस्कृतिक पक्ष को जानने के लिए संबंधित जनजातियों की समग्रता में अध्ययन किया जाएगा। समग्रता में अध्ययन के लिए इस शोध परियोजना में मानव विज्ञान विभाग, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ गंगानाथ झा को शोध अध्ययन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इससे पहले डॉ झा जीनोम इंडिया परियोजना में संख्या से संबंधित मानव वैज्ञानिक शोध अध्ययन के लिए क्षेत्र कार्य में अपना योगदान दे चुके हैं। जीनोम इंडिया परियोजना सीबीआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस बैंगलोर की ओर से आयोजित किया गया था।

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